इन 6 बातों का रखें खयाल, कभी नहीं होंगे ऑनलाइन शॉपिंग में फ्रॉड के शिकार

हर पीली चीज सोना नहीं होती. यह बात हम बचपन से सुनते आये हैं लेकिन अमल करना भूल जाते हैं.

Update: 2021-02-08 14:33 GMT

हर पीली चीज सोना नहीं होती. यह बात हम बचपन से सुनते आये हैं लेकिन अमल करना भूल जाते हैं. ऐसा ही कुछ ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) को लेकर कहा जा सकता है. जरूरी नहीं है कि हर शॉपिंग ऑफर से आपको फायदा ही मिले. अब हर चीज ऑनलाइन मिल जाती हैं ऑनलाइन शॉपिंग से आपकी मेहनत और समय दोनों बच जाते हैं. मगर अति हर चीज की बुरी होती है. कई बार शॉपिंग ऑफर्स के झांसे में आकर लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं.


ऐसे ना जाने कितने ही मामले सामने आए हैं जब लोगों ने बिना जांचे परखे एक वेबसाइट से कुछ सामान खरीदा और पेमेंट भी कर दी. बताई गई तारीख के हिसाब से जब सामान पहुंचने में देर हुई तो वेबसाइट पर बताए फोन नंबर पर बात करने की कोशिश की. मगर हुआ वही जो नहीं होना चाहिए था. नंबर बंद जा रहा था. थोड़ा और छानबीन की तो पता चला वेबसाइट पर लास्ट अपडेट दो साल पहले हुई थी. लेकिन अब देर हो चुकी थी, लोगों के पैसे डूब चुके थे. इस तरह का हाल आपका न हो, इसके कुछ तरीके हैं जो आपको ऑनलाइन जालसाजों से बचा सकते हैं…

हो सके तो किसी भरोसेमंद ई-कॉमर्स वेबसाइट से ही खरीददारी करें. इन वेबसाइट की मर्चेंट सर्विस और चीजें दोनों ही विश्वसनीय होते हैं.
अगर किसी नई वेबसाइट से कुछ खरीद रहे हैं तो ऑनलाइन पेमेंट न करें. ऐसे में सबसे सही विकल्प कैश ऑन डिलीवरी ही होता है.
कंपनी की रिटर्न पॉलिसी ठीक तरह से पढ़ लें. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आर्डर किया सामान आप तक पहुंचता तो है, पर जब आप पैकिंग खोलते हैं तो जो सामान आपके हाथ लगता है वो खराब क्वालिटी का निकल जाता है. इसके बाद आप सामान लौटाना भी चाहें तो कंपनी पॉलिसी का हवाला देकर आपको टाल दिया जाता है.
सस्ती सेल से जुड़े लुभावने ऑफर जिनमें 1 रुपए में 32 जीबी पेनड्राइव, 2 रुपए में रेडमी फोन और 5 रुपए में पीटर इंग्लैंड की जैकेट बेचने जैसे दावे किए जा रहे हैं, सिर्फ और सिर्फ झूठी होती हैं. सेल लगती है ये बात सच है, लेकिन इतनी सस्ती नहीं कि कंपनी खुद बिक जाए. ये फेक ऑफर वाली वेबसाइट यूजर का डाटा चोरी करती हैं और उनके सिस्टम को नुकसान भी पहुंचाती हैं.
ऐसी कोई भी वेबसाइट जिसके यूआरएल में https:// की बजाय सिर्फ http:// लगा होता है, सुरक्षित नहीं होती हैं. यहां पर s का मतलब सिक्योरिटी से है. उदाहरण के तौर पर फेसबुक सुरक्षित है क्योंकि इसका लिंक https://facebook.com है.
किसी दूसरे के मोबाइल या लैपटॉप से शॉपिंग कर रहे हैं और ऑनलाइन पेमेंट करने जा रहे हैं तो कार्ड डिटेल्स सेव न करें. भविष्य में आपकी जानकारी का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.


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