जॉनसन एंड जॉनसन भारत में सिंगल-शॉट कोविड -19 वैक्सीन का परीक्षण किया रद्द, जानिए क्या रही वजह

जिसके चलते यूरोप में टीका लाने लाने की प्रक्रिया को टाल दिया था.

Update: 2021-06-29 08:54 GMT

अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन भारत में अपने सिंगल-शॉट कोविड -19 वैक्सीन के लिए अब स्थानीय परीक्षण नहीं करेगी. कंपनी का कहना है कि पहले उसने यहां परीक्षण के लिए मंजूरी मांगी थी, लेकिन अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा क्योंकि भारत ने उस आवश्यकता को खत्म कर दिया है. अब वे इस बात की प्लानिंग कर रहे हैं कि भारत में टीके की उपलब्धता को कैसे बढ़ाया जाए. ये बात कंपनी के प्रवक्ता ने इकोनॉमिक टाइम्स ​को दिए एक इंटरव्यू में कही.

भारत के औषधि महानियंत्रक ने हाल ही में घोषणा की थी कि कोविड -19 टीके जिन्हें अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और जापान में नियामकों द्वारा प्रतिबंधित उपयोग के लिए अनुमति दी गई थी या जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन उपयोग सूची में थे, उन्हें अब भारत में परीक्षण की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा. प्रवक्ता ने इंटरव्यू में बताया,"जॉनसन एंड जॉनसन के लिए अब सिंगल डोज वाले जेनसेन कोविड -19 वैक्सीन के क्लिनिकल अध्ययन करने के लिए अब परीक्षण की आवश्यकता नहीं है." भारत द्वारा आयातित टीकों के लिए नियामक आवश्यकताओं में ढील दिए जाने के बाद J&J ने ब्रिजिंग ट्रायल करने के लिए भारत के ड्रग रेगुलेटर से संपर्क किया था.
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "कंपनी ब्रिजिंग ट्रायल करने के लिए मंजूरी की मांग कर रही थी और उसने छूट नहीं मांगी थी. इसके बावजूद कंपनी नियामक व्यवस्था के तहत हकदार है, जिसे अप्रैल में लागू किया गया था."
जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन से ब्लड क्लॉट की शिकायत के बाद कंपनी ने यूरोप में अपना टीका लाने की योजना को फिलहाल टाल दिया है. इससे पहले अमेरिका ने जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन पर अस्थायी रोक लगाने की सिफारिश की है. वहीं ऑस्ट्रेलिया ने इस वैक्सीन को खरीदने से इनकार कर दिया है. जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि वह यूरोप में अपने कोरोना वायरस रोधी टीके को लाने में कुछ विलंब कर रहा है.
खून के थक्के जमने की आई थी शिकायत
जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन से अमेरिका में खून के थक्के जमने के कुछ दुर्लभ मामले सामने आए थे. जिसकी जांच की जा रही ही. अमेरिका के नियामक ने कहा था कि वह इस कंपनी का टीका लगाए जाने पर रोक की सिफारिश कर रहे हैं क्योंकि वह खून के खतरनाक थक्के जमने की रिपोर्टों की जांच कर रहे हैं. इस बारे में कंपनी ने कहा था कि वह यूरोपीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर इन मामलों की समीक्षा कर रहे हैं. जिसके चलते यूरोप में टीका लाने लाने की प्रक्रिया को टाल दिया था.


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