जेट एयरवेज के कर्मचारियों का लाखों का वेतन बकाया, संघ ने जताई नाराजगी

दिवालिया कंपनी जेट एयरवेज पर प्रत्येक कर्मचारी के करीब 3 से 85 लाख रुपये तक का वेतन बकाया है. समाधान प्रक्रिया के तहत एयरवेज को कलरॉक-जालान द्वारा खरीदे जाने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि अब जल्द ही उनके अच्छे दिन आएंगे

Update: 2021-07-11 03:36 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिवालिया कंपनी जेट एयरवेज पर प्रत्येक कर्मचारी के करीब 3 से 85 लाख रुपये तक का वेतन बकाया है. समाधान प्रक्रिया के तहत एयरवेज को कलरॉक-जालान द्वारा खरीदे जाने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि अब जल्द ही उनके अच्छे दिन आएंगे. मगर अभी भी वेतन का पेंच फंसा हुआ है. पुनरुद्धार योजना के तहत नए मालिकों ने जेट के प्रत्येक कर्मचारी को लगभग 23,000 रुपये के भुगतान का प्रस्ताव रखा है. लाखों की जगह हजारों रुपये के भुगतान के इस प्लान पर अखिल भारतीय जेट एयरवेज अधिकारी और कर्मचारी संघ ने नाराजगी जताई है.

संघ के अध्यक्ष किरण पावस्कर का कहना है, "जेट ने कर्मचारियों से एनसीएलटी द्वारा स्वीकृत योजना के लिए हां या ना में वोट डालने के लिए कहा है, लेकिन योजना के तहत मुश्किल से प्रत्येक कर्मचारी को कुल बकाया राशि का भुगतान किया जा रहा है. ये कुल बकाये का लगभग 0.5% प्रदान करती है, जो शून्य जितना अच्छा है. इससे कर्मचारियों को खास लाभ नहीं मिलेगा. "
उन्होंने टीओआई को दिए इंटरव्यू में बताया कि अगर समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वे इसे अदालत में चुनौती देंगे. इस सिलसिले में एसोसिएशन ने हाल ही में नए नागरिक उड्डयन मंत्री, श्रम मंत्री और क्षेत्रीय श्रम आयुक्त को एक पत्र भी भेजा है. इसमें लिखा गया, "समाधान योजना के रूप में एक बहुत ही मामूली राशि का प्रस्ताव किया गया है. कंपनी के 26 वर्षों के ​इस कार्यकाल में कई ने अपने जीवन के लंबे समय तक काम किया है. मगर उन्हें उनका हक नहीं मिला है."
कर्मचारियों का लाखों का वेतन बकाया
जेट एयरवेज पर उसके लेनदारों का 15,400 करोड़ रुपये का निर्विवाद रूप से बकाया है, जिसमें से 1,254 करोड़ रुपये उसके कर्मचारियों का कर्मचारियों पर बकाया वेतन भी शामिल है. ​न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक जेट के एक कर्मचारी का दावा है कि कंपनी पर प्रत्येक कमांडर का लगभग 85 रुपये और सबसे कम वेतन पाने वाले कर्मचारी को लगभग 3 लाख रुपये तक बकाया है. ऐसे में समाधान योजना के तहत कर्मचारियों को काफी नुकसान हो रहा है.
कलरॉक-जालान हैं अब जेट के नए मालिक
जेट एयरवेज भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी निजी एयरलाइन मानी जाती थी. धन की भारी कमी के बाद से साल 2019 में इसे बंद कर दिया गया था. उस समय, SBI के नेतृत्व वाले संघ ने दिवालियापन संहिता के तहत समाधान के लिए NCLT के पास भेजा गया था. इस दौरान एयरवेज के स्लॉट अन्य एयरलाइनों को आवंटित किए गए थे. जेट एयरवेज को कलरॉक-जालान ने साल 2020 में खरीदा था. समाधान योजना के अनुसार, कलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने 5 वर्षों के भीतर इसका विस्तार करने का प्लान बनाया है.


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