दिल्ली: मूनलाइटिंग और वर्क फ्रॉम होम कल्चर पर छिड़ी बहस के बीच अब दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने कहा है कि वह अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने के पक्ष में नहीं है। इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने कहा कि वह कर्मचारियों को दफ्तर में वापस बुलाने के अपने लचीले दृष्टिकोण के साथ हैं। अभी कर्मचारियों को दफ्तर आने के लिए अनिवार्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत में, हमारे पास लगभग 45,000 कर्मचारी हैं। हम देख रहे हैं कि काम अच्छे से हो रहा है। सलिल पारेख का ये बयान ऐसे समय में आया है जब टॉप आईटी कंपनी टीसीएस ने अपने कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने के लिए सख्ती बढ़ाई है। वर्क फ्रॉम होम पर सख्त है टीसीएस: टीसीएस ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को खत्म करने के लिए स्पष्ट तौर पर संकेत दिए हैं कि कर्मचारी किसी तरह का बहाना नहीं कर सकते हैं। अगर कर्मचारी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की बात करते हैं तो उन्हें अपना मेडिकल सर्टिफिकेट भी देना होगा। अहम बात ये है कि यह कंपनी के डॉक्टर्स के पैनल की ओर से इसका वेरिफिकेशन होगा। इसके बाद ही कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिया जाएगा।
मूनलाइटिंग पर इंफोसिस सख्त: आईटी कंपनी इंफोसिस ने भी मूनलाइटिंग को गलत बताया है। कंपनी के मुताबिक पिछले 12 महीनों में इंफोसिस ने उन कर्मचारियों की छंटनी की है जो एक ही समय में दो काम कर रहे थे। हालांकि, कंपनी कुछ ऐसे मामलों में छूट देने की बात कही है, जिसकी अनुमति मैनेजमेंट की ओर से दी गई हो।