प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.05 फीसदी की कटौती की है. यह कटौती एक साल तक एमसीएलआर पर की गई है. अब इंडसइंड बैंक के एक साल के लिए एमसीएलआर दर 8.65 फीसदी से घटाकर 8.60 फीसदी हो गई है. इस कटौती के साथ ही इंडसइंड बैंक से जुड़े होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई (EMI) कम हो जाएगी. बैंक की वेबसाइट के अनुसार नई दरें 22 फरवरी, 2021 से प्रभावी हैं.
इंडसइंड बैंक के मुताबिक, एक दिन के लिए एमसीएलआर को कम कर 8.25 फीसदी जबकि एक महीने की अवधि के लिए 8.30 फीसदी किया गया है. तीन महीने की अवधि के लिए 8.35 फीसदी, 6 महीने की अवधि के लिए 8.50 फीसदी कर दिया. एक साल की एमसीएलआर अब 8.60 फीसदी होगी. ज्यादातर कंज्यूमर लोन इसी से जुड़े होते हैं. वहीं तीन साल की एमसीएलआर अब8.95 फीसदी होगी.
Indusind Bank Mclr
MCLR Benchmark MCLR (%)
एक दिन- 8.25%
1 महीना- 8.30%
3 महीना- 8.35%
6 महीना- 8.50%
1 साल- 8.60%
2 साल- 8.90%
3 साल- 8.95%
HDFC बैंक और केनरा बैंक में घटाई दरें
बता दें कि इस महीने प्राइवेट सेक्टर HDFC बैंक और सरकारी बैंक केनरा बैंक ने अपने एमसीएलआर में कटौती की है. केनरा बैंक ने एक दिन और एक महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर में 0.1 फीसदी की कटौती की है.
क्या होता है MCLR?
बैंकों के एमसीएलआर में उसकी फंड की लागत दी होती है, जिसे बैंक हर महीने घोषित करते हैं. अच्छा करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट डिपॉजिट होने की वजह से छोटे बैंकों के मुकाबले बड़े बैंकों का कम एमसीएलआर होता है. एमसीएलआर को इंटरनल बेंचमार्क माना जाता है क्योंकि कम लागत वाले फंड जुटाने के लिए बैंक की अपनी क्षमता एमसीएलआर में एक महत्वपूर्ण फैक्टर है.
कोई भी बैंक एमसीएलआर पर उधार देता है लेकिन इससे कम पर बैंक उधार नहीं दे सकता है. होम लोन की ब्याज दरें या तो एमसीएलआर के बराबर होंगी या उससे ज्यादा होंगी.