फरवरी में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति 4 महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर
नई दिल्ली। भारत की खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी महीने में चार महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर आ गई, जिससे घरेलू बजट में कुछ राहत मिली है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला कि जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति थोड़ी अधिक यानी 5.1 प्रतिशत थी।
फरवरी के दौरान खाना पकाने के लिए तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई और यह 11.67 प्रतिशत तक कम हो गई। मसालों की कीमत में वृद्धि धीमी होकर 13.28 प्रतिशत रह गई, जो जनवरी में 16.36 प्रतिशत थी। हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में सब्जियों की कीमतें 31.38 प्रतिशत तक बढ़ गईं। जहां तक दालों का सवाल है, कोई राहत नहीं मिली। वे 20.47 प्रतिशत महंगी हो गईं, जबकि अनाज की कीमतें 7.83 प्रतिशत बढ़ गईं।
मुद्रास्फीति अब आरबीआई के 2-6 प्रतिशत टारगेट के 4 प्रतिशत से ऊपर है। यही कारण है कि आरबीआई आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती नहीं कर रहा है। आरबीआई स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना चाहता है। उसने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार छह बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। नवीनतम मुद्रास्फीति डेटा आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 3-5 अप्रैल को फिर से होने वाली बैठक से कुछ हफ्ते पहले आया है।