यूक्रेन-रूस युद्ध से भारत की कांच इंडस्ट्री को 1200 करोड़ का नुकसान, केमिकल सप्लाई रुकी
लखनऊ: कोरोना काल के बाद किसी तरह फिरोजाबाद का कांच उद्योग परवान चढ़ रहा था, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध ने देश भर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर दिया है। इससे सुहाग नगरी से होने वाला ग्लास हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट का कारोबार पूरी तरह सहम गया है। विदेशों के नए आर्डर न मिलने के कारण निर्यातकों की टेंशन बढ़ती जा रही है। शहर के निर्यातक दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
सुहाग नगरी के कांच कारखानों में बनने वाले ग्लास हैंडीक्राफ्ट आइटम फ्लावर पॉट, कैंडल स्टैंड, क्रिसमस डेकोरेशन और हैंगिंग लाइट्स का एक्सपोर्ट अमेरिका और यूरोपीय देशों में होता है। यूरोप के देश हॉलैंड, जर्मनी के जरिए यूक्रेन तक कांच आइटम पहुंचते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है।
इस युद्ध का असर कांच कारोबार पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। प्रमुख निर्यातकों का कहना है, रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध की शुरुआत होने से यूरोप, अमेरिका सहित 70 देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। जिससे ग्लास हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के कारोबार को करोड़ों का नुकसान होने की आशंका है।