कोरोना के चलते भारतीय दवाइयों के निर्यात में आई तेजी, सबसे ज्यादा ​कारोबार मार्च महीने में हुआ

कोरोना संकट के बीच दवाइयों की मांग तेज हो गई है. ऐसे में भारतीय औषधियों की डिमांड में भी इजाफा हुआ है

Update: 2021-04-18 14:30 GMT

कोरोना संकट के बीच दवाइयों की मांग तेज हो गई है. ऐसे में भारतीय औषधियों की डिमांड में भी इजाफा हुआ है. यही वजह है कि कि देश से औषधियों को निर्यात बढ़ गया है. भारतीय औषधि निर्यात संवर्धन परिषद, फार्मेक्सिल के महानिदेशक उदय भास्कर के मुताबिक मार्च 2021 में निर्यात में तेज उछाल देखने को मिला. इस दौरान करीब 2.3 अरब डॉलर का कारोबार हुआ.

मार्च का निर्यात वित्त वर्ष के दौरान किसी भी माह की तुलना में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया. एक साल पहले के मार्च से अगर इसकी तुलना की जाएग तो इसमें 48.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ. मार्च 2020 में निर्यात 1.54 अरब डॉलर का हुआ था. बताया जाता है कि वर्ष 2020 में वैश्विक औषधि बाजार में एक से दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन इस साल भारत से दवाइयों की मांग में दोबारा तेजी देखने को मिली
भारत की दवाओं की गुणवत्ता और इनके मूल्य की व्यावहारिकता के चलते इनकी मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. कोरोना वायरस से लड़ने में भी भारतीय दवाइयां असरदार साबित हो रही हैं. ऐसे में आने वाले समय में भारत से वैक्सीन के निर्यात में अच्छी वृद्धि होने की संभावना दिख रही है. इसी तरह भारत सरकार की उत्पादकता आधा​रित प्रोत्साहन योजना से औषधि क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात का आधार मजबूत होगा.
उत्तर अमेरिका ने ज्यादा खरीदी दवाइयां
भारत की औषधियों की मांग उत्तर अमेरिका में सबसे ज्यादा देखने को मिली. ​निर्यात के लिहाज से ये सबसे बड़ा बाजार रहा. इस वर्ष के दौरान निर्यात में इस बाजार का हिस्सा 34 प्रतिशत रहा. उसके बाद दक्षिण अफ्रीका में भा भारतीय दवाइयों की मांग काफी तेज रही. वहां 28 प्रतिशत औषधी भेजी गईं और यूरोपीय बाजार में निर्यात 11 प्रतिशत की दर से बढ़ा.


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