पेट्रोल की बढ़ती मांग के कारण 2024 में भारत में ईंधन की खपत में हुआ उछाल
नई दिल्ली: भारत में पेट्रोल की खपत में नवंबर तक सालाना आधार पर लगभग 8 प्रतिशत का उछाल दर्ज हुआ है, जबकि देश में सबसे अधिक खपत वाले पेट्रोलियम उत्पाद डीजल की खपत में इसी अवधि में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
तेल मंत्रालय के अनुसार, भारत में ईंधन की मांग को लेकर 2024 में तेजी दर्ज की गई है। ईंधन उपभोग को लेकर भारत में यह तेजी 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य के बीच देश में ऊर्जा खपत को लेकर जारी वृद्धि को दर्शाता है। देश में ईंधन की खपत में वृद्धि इंडस्ट्रियल एक्टिविटी और आर्थिक विकास में वृद्धि की वजह से देखी जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2024 में नवंबर तक भारत में पेट्रोल की खपत 36,137 टन रही, जबकि इसी अवधि के दौरान डीजल की खपत 83,087 टन तक पहुंच गई। विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) और लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) जैसे अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की घरेलू मांग में भी वर्ष के दौरान वृद्धि दर्ज की गई है।
सरकार की 'इंडियन ऑयल मार्केट आउटलुक टू 2030' रिपोर्ट के अनुसार, बड़े पैमाने पर औद्योगिक विस्तार के कारण डीजल की मांग में वृद्धि होगी, जो देश की मांग में वृद्धि का लगभग आधा हिस्सा होगा तथा 2030 तक कुल वैश्विक तेल मांग वृद्धि का छठा हिस्सा होगा। डीजल की मांग में वृद्धि की गति वर्ष में उम्मीद से स्थिर रही, जिसका मुख्य कारण वर्ष में लंबे समय तक मानसून का रहना और खपत पैटर्न में बदलाव था। मध्यम वर्ग के विस्तार और बढ़ते उपभोक्ता खर्च के बीच, भारत में पेट्रोल की मांग डीजल से अधिक बढ़ रही है।
बढ़ती मांग के बीच, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड सहित भारत की तेल कंपनियों ने मौजूदा रिफाइनरियों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ नई रिफाइनरियां स्थापित करने की योजना बनाई है।