कोरोना संकट के बीच, नौकरी करने वालों के लिए, एक्स्ट्रा इनकम, मुसीबत के वक्त आएगा काम

कोरोना संकट के बीच वर्तमान में जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही है उसमें अगर सैलरीड इंडिविजुअल पैसिव इनकम के लिए थोड़ा बहुत भी निवेश करता है तो एडिशनल कमाई क्राइसिस के समय बहुत मददगार होगी

Update: 2021-06-28 03:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले डेढ़ साल से पूरी दुनिया कोरोना से प्रभावित है. करोड़ों लोगों की नौकरी जा चुकी है. हर किसी को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. संकट के इस समय फाइनेंशियल प्लानिंग बहुत जरूरी है. कोरोना ने सैलरीड लोगों को एक सबक दिया है और पैसिव इनकम यानी कमाई के दूसरे जरिए की महत्ता के बारे में अच्छे से समझा दिया है.

इस आर्टिकल में आपको पैसिव इनकम के बारे में बताएंगे जिसके लिए एक्स्ट्रा कोशिश करने की जरूरत नहीं है. आपको हर महीने अपनी सैलरी से कुछ हिस्सा इसमें निवेश करना है और यह आपके एडिशनल सोर्स ऑफ इनकम बन जाएगा. वैसे पिछले कुछ सालों में REIT, क्रिप्टोकरेंसी, पीयर-टू-पीयर लेंडिंग का क्रेज काफी बढ़ा है. इसके बावजूद किसी जगह निवेश करने से पहले उसकी अच्छाई और बुराई के बारे में जानना जरूरी है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स एक बात हमेशा कहते हैं कि आपका पोर्टफोलियो हमेशा बैलेंस होना चाहिए. इसमें रिस्क के साथ-साथ अश्योर्ड रिटर्न स्कीम्स भी शामिल करें.
शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड निवेश का पुराना साधन
शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेश का पुराना साधन है. कोरोना काल में इसमें निवेशकों की बाढ़ आ गई है. शेयर बाजार में निवेश करना रिस्की जरूर होता है लेकिन समझदारी के साथ अगर अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग सेक्टर की बड़ी और छोटी कंपनियों को शामिल करेंगे तो नेट आधार पर हमेशा फायदे में रहेंगे. म्यूचुअल फंड में भी डेट फंड ज्यादा सुरक्षित रहता है जबकि इक्विटी फंड के साथ रिस्क ज्यादा होता है.
इन साधनों में करें निवेश
इन दोनों के अलावा पीयर-टू-पीयर लेंडिंग एक नया सेविंग इंस्ट्रूमेंट है. इसके अलावा लीज फाइनेंशिंग, वेंचर कैपिटल, फ्रैक्शनल इन्वेस्टमेंट, REIT जैसे निवेश के कई विकल्प बाजार में उपलब्ध है. P2P लेंडिंग के तहत आप किसी जरूरतमंद इंडिविजुअल या बिजनेस को लोन देते हैं. आपको इंट्रेस्ट भी मिलता है और साथ में लोन रीपेमेंट भी किया जाता है. वेंचर कैपिटल के तहत आप आइडिया के लिए निवेश करते हैं. आइडिया किसी और का होता है लेकिन फंडिंग आप करते हैं.
इंफ्लेशन के खिलाफ हेजिंग जरूरी
पिछले कुछ सालों में निवेश के इन साधनों के प्रति दिलचस्पी इसलिए बढ़ी है क्योंकि सेविंग्स और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे परंपरागत साधनों के लिए इंट्रेस्ट रेट काफी घट गया है. यहां रिटर्न बेहतर मिलता है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि यह मंहगाई के खिलाफ हेजिंग जैसा है. अगर आप ऐसे जगहों पर निवेश नहीं करते हैं तो परंपरागत निवेश के तरीकों के जरिए जो मिलता है वह इंफ्लेशन से नेट आधार पर शून्य रह जाता है.
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