भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जानकारी दी है कि उसने एमयूएफजी बैंक लिमिटेड (MUFG) पर कर्ज के मामले में वैधानिक और अन्य पाबंदियों को लेकर जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. एमयूएफजी बैंक को पहले द बैंक ऑफ टोक्यो-मित्सुबिशी यूएफजे लिमिटेड (The Bank of Tokyo-Mitsubishi UFJ, Ltd) के नाम से जाना जाता था. आरबीआई ने कहा कि एमयूएफजी बैंक ने ऐसी कंपनियों को कर्ज दिये जिनके निदेशक मंडल में ऐसे व्यक्ति शामिल थे जो अन्य बैंकों के बोर्ड में निदेशक थे. ये साफ तौर पर आरबीआई की गाइडलाइंस और नियमों का उल्लंघन है. जुर्माना लगाए जाने का मुख्य कारण ये है कि 11 मार्च, 2019 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में पर्यवेक्षी मूल्यांकन के दौरान अन्य बातों के साथ-साथ, बैंक द्वारा कंपनियों को लोन और एडवांसेज स्वीकृत करने के मामले में जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के बारे में जानकारी मिली. आरबीआई ने जानकारी दी कि केंद्रीय बैंक ने इस बारे में MUFG Bank को नोटिस भी इश्यू किया था. इसके बारे में बैंक ने उचित कार्यवाही का विवरण नहीं दिया जिसके चलते बैंक पर जुर्माना लगाया गया है.
MUFG Bank को जारी किए गए नोटिस के बदले में बैंक का जो उत्तर मिला और मौखिक गवाही के बाद आरबीआई इस नतीजे पर पहुंचा कि जापान के जाने-माने इस बैंक पर मौद्रिक पेनल्टी लगाई जानी चाहिए. आरबीआई के जरिए दिए गए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने में ये बैंक असफल साबित हुआ जिसके चलते इसे जुर्माने की कार्यवाही को झेलना पड़ा है.
इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नियामक अनुपालन में कमियों के लिए दो सहकारी बैंकों पर भी जुर्माना लगाया है. इनमें से एक बैंक महाराष्ट्र के रत्नागिरी का है और दूसरा बैंक मुंबई का सहकारी बैंक है. एक अन्य बयान में आरबीआई ने कहा कि चिपलून अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रत्नागिरी पर कुछ मामलों में कर्ज की सीमा का पालन नहीं करने के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा दत्तात्रेय महाराज कलांबे जाओली सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई पर भी इसी प्रकार के मामले में एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.