वाहन चलाने वालों के लिए जरूरी खबर, पीयूसी सर्टफिकेट साथ रखना हुआ अनिवार्य, वरना हो सकता है 10000 का चालान
दीवाली के बाद, दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में बदल गई है. दिवाली पर पटाखे बैन होने के बाद भी ने सुबह होते-होते दिल्ली-एनसीआर में धुआं की काली परत जम गई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दीवाली के बाद, दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में बदल गई है. दिवाली पर पटाखे बैन होने के बाद भी ने सुबह होते-होते दिल्ली-एनसीआर में धुआं की काली परत जम गई. लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ उठ गई. दूसरी तरफ, शनिवार को मौसम ने अपना रुख बदला. यह परेशानी और न बढ़े इसलिए दिल्ली परिवहन विभाग (vehicle owner must carry PUC certificate) ने नया निर्देश जारी किया है.
पीयूसी सर्टिफिकेट है अनिवार्य
सरकार की तरफ से जारी इस निर्देश में कहा गया है कि आप बाइक चला रहे हों या कार, अपने साथ पीयूसी सर्टिफिकेट (pollution under control certificate) लेकर चलना अनिवार्य है. यह सर्टिफिकेट भी वैध होना चाहिए,यानी इसमें गाड़ी की ताजा अपडेट होनी चाहिए कि उससे प्रदूषण नहीं फैलता. पीयूसी के बिना या एक्स्पाइरी पीयूसी के साथ अगर कोई चालक सड़क पर पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ जुर्माने के साथ आर्थिक दंड की भी कार्रवाई हो सकती है.
प्रदूषण पर सरकार हुई सख्त
परिवहन विभागकी तरफ से जारी एक सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, पीयूसी सर्टिफिकेट न दिखाने वाले ड्राइवरों का तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा. परिवहन विभाग ने दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह प्रयास शुरू किया है. इसी प्रयास के तहत पीयूसी सर्टिफिकेट को लेकर सख्ती दिखाई जा रही है.
अगर कोई चालक ट्रैफिक पुलिस को वैध पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं दिखाता है तो उसे 6 महीने की सजा या 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है. इससे बचने के लिए चालकों को साथ में यह प्रमाण पत्र लेकर चलने का निर्देश दिया गया है.
क्या है पीयूसी सर्टिफिकेट?
आपको बता दें कि यह सर्टिफिकेट खास सेंटरों पर बनाए जाते हैं.
इस सर्टिफिकेट में इस बात की गारंटी दी जाती है कि गाड़ी से कितना प्रदूषण हो रहा है.
ये भी बताया जाता है कि गाड़ी से कौन सी गैस कितनी मात्रा में हवा में मिल रही है.
इसमें गाड़ियों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी अलग-अलग गैसों के लिए समय-समय पर टेस्ट किया जाता है.
टेस्ट के बाद गाड़ियों को पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है. परिवहन विभाग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है, "सभी पंजीकृत वाहन मालिकों से अनुरोध है कि वे परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों से अपने वाहनों की जांच करवाएं ताकि किसी भी तरह के दंड/कारावास/ड्राइविंग लाइसेंस के निलंबन से बचा जा सकें."
कितने रुपये में बनता है सर्टिफिकेट
अगर आपको भी बनवाना है पीयूसी सर्टिफिकेट तो तुरंत बनवा लें.
आपको बता दें कि इसके तहत अलग-अलग गाड़ियों के लिए चार्ज भी अलग है.
जैसे पेट्रोल और सीएनजी की दोपहिया और तिपहिया गाड़ियों के लिए प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपये निर्धारित है.
इसी तरह अगर चार पहिया वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाना हो तो 80 रुपये देने होंगे.
डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र का शुल्क 100 रुपये है.
केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, देश में हर मोटर वाहन (बीएस-I/बीएस-II/बीएस-III/बीएस-IV के साथ-साथ सीएनजी/एलपीजी पर चलने वाले वाहनों सहित) को एक वैध पीयूसी प्रमाणपत्र बनवाना जरूरी है. इसी नियम के तहत चार पहिया बीएस-IV गाड़ियों के पीयूसी सर्टिफिकेट की वैधता एक साल और बाकी वाहनों के लिए तीन महीने है.'