कॉपर की कीमतों में तेजी का असर, महंगे हो सकते हैं इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स

कोरोना काल के चलते देश की अ​र्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई

Update: 2021-06-07 18:22 GMT

कोरोना काल के चलते देश की अ​र्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई, जिसके चलते अन्य कई कमॉडिटी की तरह कॉपर में भी भारी गिरावट देखने को मिली. हालांकि ग्लोबल इकॉनमी में स्थिति बेहतर होने और चीन में कॉपर की खपत बढ़ने के चलते इसकी मांग काफी तेज हो गई. जिसके चलते इसकी कीमतों में उछाल आया है. कॉपर के दाम बढ़ने से इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स भी महंगे हो सकते हैं.

कॉपर का 65 फीसदी इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल उपकरणों, 25 फीसदी कंस्ट्रशन, 7 फीसदी ट्रांसपोर्ट और 3 फीसदी अन्य सेक्टरों में होता है. बाजार से जुड़े जानकारों के अनुसार, आने वाले समय में कॉपर की कीमत में और तेजी आ सकती है ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे- पानी की मोटर, कूलर, मिक्सर ग्राइंडर, वायरिंग, हीटिंग एलीमेंट्स, मोटर्स, रिन्यूएबल एनर्जी, इंटरनेट लाइंस आदि चीजें महंगी हो सकती हैं.
इस वजह से बढ़े कॉपर के दाम
आम बजट में सरकार ने कॉपर स्क्रैप पर आयात शुल्क को 5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया था. कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद औद्योगिक उत्पादन में आई तेजी से उद्योगों में बड़े पैमाने पर कॉपर का उपयोग होने लगा. ऐसे में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा देश चिली की ओर से कॉपर की माइनिंग पर 75 फीसदी तक कर लगाने के ऐलान से भी इसकी कीमतों में उछाल आया है. मालूम हो कि चिली वैश्विक कॉपर का करीब एक चौथाई उत्पादन करने वाले देश है.
पिछले साल गिरी थी कीमत
कोरोना महामारी की वजह से मार्च 2020 में कॉपर में भारी गिरावट आई थी. एमसीएक्स पर कॉपर का भाव मार्च 2020 में गिरकर 335 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गया था. 31 दिसंबर 2020 को यह 594.15 रुपए पर बंद हुआ था. अभी एमसीएक्स पर जून डिलीवरी वाला तांबा 738.70 रुपए प्रति किलो के भाव पर ट्रेड कर रहा है. भारतीय बाजार में पिछले महीने वायदा कारोबार में तांबे की कीमत 776.55 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई थी. मगर देश में लॉकडाउन के पूरी तरह खुलने के बाद इसकी कीमत में तेजी आ सकती है.


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