Mutual Fund में निवेश करते हैं तो जानिए फंड में आपका मैनेजर कितनी लगाया रकम?
Asset Management कंपनियों की बड़ी दिक्कत दूर हो गई है।
नई दिल्ली, Asset Management कंपनियों की बड़ी दिक्कत दूर हो गई है। अब उन्हें पता चल गया है कि अपने ही MF Plan में कितनी रकम डालनी है। बाजार नियामक SEBI यह आदेश पहले दे चुका है कि असेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को निवेशकों के साथ फंड हाउस के हितों को श्रेणीबद्ध करने के लिए अपनी योजनाओं में असेट के आधार पर 0.03 से 0.13 फीसद की सीमा में निवेश करना होगा। Sebi यह आदेश पहले ही दे चुकी है लेकिन कितनी रकम लगानी है, यह साफ नहीं किया था। अब AMC को साफ हो गया है कि अपनी योजनाओं में कितना पैसा डालना है।
5 अगस्त को सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया था, जिसमें फंड हाउसों को जोखिम स्तर के आधार पर अपनी योजनाओं में निवेश करने को कहा गया था। नए नियम अधिसूचना की तारीख से 270वें दिन लागू होंगे।
इसी अनुसार यह निर्णय लिया गया था कि, योजना को सौंपे गए रिस्क वैल्यू के आधार पर, AMCs अपनी योजनाओं में असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के फीसद के रूप में न्यूनतम राशि का निवेश करेंगे। हालांकि, नियामक ने उस समय फंड हाउस द्वारा निवेश की जाने वाली न्यूनतम राशि की मात्रा निर्धारित नहीं की थी। सेबी ने शुक्रवार को एक सर्कुलर में कहा कि "कम जोखिम की श्रेणी में आने वाली स्कीम के मामले में एएमसी को एयूएम का कम से कम 0.03 फीसदी इस स्कीम में निवेश करना होगा, जबकि कम से मध्यम श्रेणी के लोगों को एयूएम का 0.05 फीसदी एसेट बेस को निवेश करने की जरूरत है।
इसके अलावा, उस योजना के मामले में जिसमें मॉडरेट रिस्क है, एयूएम का 0.07 फीसद योजना में निवेश करना होगा, जबकि मॉडरेट से हई रिस्क के लिए यह 0.09 फीसद, हाई रिस्क के लिए 0.11 फीसद और वेरी हाई रिस्क के लिए असेट आधार का 0.13 फीसद होगा।
सेबी ने कहा है कि, क्लोज-एंडेड स्कीम के मामले को छोड़कर, AMC दवारा योजना में न्यूनतम राशि के निवेश की आवश्यकता के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एक त्रैमासिक समीक्षा की जाएगी। AMC के पास इस तरह की समीक्षा से जरूरत से ज्यादा निवेश निकालने का विकल्प होगा।"लागू एमएफ नियमों के अनुपालन में AMC द्वारा पहले से किए गए अनिवार्य योगदान को वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि, इस तरह के योगदान को AMC द्वारा आवश्यक निवेश के खिलाफ समायोजित किया जा सकता है।