ICICI ने कमाया धुंधार मुनफा, कोरोना काल में कमाई 6 गुना बढ़ी

आईसीआईसीआई बैंक का शुद्ध लाभ 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में एकीकृत आधार पर 4,882 करोड़ रुपये के साथ चार गुना से अधिक बढ़ा।

Update: 2020-11-01 05:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आईसीआईसीआई बैंक का शुद्ध लाभ 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में एकीकृत आधार पर 4,882 करोड़ रुपये के साथ चार गुना से अधिक बढ़ा। इसकी बड़ी वजह बैंक की मूल आय बढ़ना और कोविड-19 से संबंधित प्रभाव के लिए प्रावधान कम होना है। बैंक का वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में एकीकृत लाभ 1,131 करोड़ रुपये था।

समीक्षावधि में बैंक का शुद्ध लाभ एकल आधार पर 4,251 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल समान अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ 655 करोड़ रुपये था। यह बैंक के इतिहास में किसी तिमाही में सबसे अधिक वृद्धि है।

आलोच्य तिमाही में बैंक की ब्याज से शुद्ध आय 16 प्रतिशत बढ़कर 9,366 करोड़ रुपये रही। हालांकि बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन इस अवधि में 0.10 प्रतिशत घटकर 3.57 प्रतिशत हो गया। जबकि बैंक की ऋण वितरण में वृद्धि उसकी छह प्रतिशत की जमा वृद्धि के मुकाबले लगभग आधी रही।

बैंक के अध्यक्ष संदीप बत्रा ने कहा बैंक के उच्च लाभ वृद्धि की अहम वजह उसकी शुद्ध ब्याज आय में बढ़ोत्तरी होना है। इसके अलावा बैंक की ऋण वितरण रणनीति ने उसे ऊंची आय में मदद की।

बैंक का फंसे कर्ज के लिए प्रावधान 2,995.27 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले साल इसी अवधि में यह 2,506.87 करोड़ रुपये था।

बत्रा ने कहा कि बैंक ने कोविड-19 के असर से निपटने के लिए 8,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया था। इसका अधिकतर हिस्सा मार्च और जून की अवधि में ही रख दिया गया था। अब बैंक को लगता है कि उसने महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान किया है।

समीक्षावधि बैंक की एकीकृत आय 39,321.42 करोड़ रुपये रही जो पिछले साल इसी अवधि में 37,424.78 करोड़ रुपये थी। इस दौरान उसकी एकल आधार पर परिचालन आय 23,650.77 करोड़ रुपये रही। पिछले साल इसी तिमाही में यह 22,759.52 करोड़ रुपये थी।

इसी तरह बैंक की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की स्थिति में भी सुधार दर्ज किया। बैंक का सकल एनपीए इस दौरान सकल ऋण का 5.17 प्रतिशत यानी 38,989.19 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 5.37 प्रतिशत यानी 45,638.79 करोड़ रुपये था।

बैंक का शुद्ध एनपीए समीक्षावधि में उसके शुद्ध ऋण का एक प्रतिशत यानी 7,187.51 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल इसी अवधि में यह 1.60 प्रतिशत यानी 10,916.40 करोड़ रुपये था।


Tags:    

Similar News

-->