शुगर सब्सिडी में भारी कटौती, जानिए क्या होगा असर
बल मार्केट में चीनी की कीमत में तेजी के बीच सरकार ने गुरुवार को शुगर एक्सपोर्ट सब्सिडी में भारी कटौती का ऐलान किया है.
बल मार्केट में चीनी की कीमत में तेजी के बीच सरकार ने गुरुवार को शुगर एक्सपोर्ट सब्सिडी में भारी कटौती का ऐलान किया है. पहले प्रति किलोग्राम चीनी निर्यात करने पर 6 रुपए की सब्सिडी मिलती थी जिसे घटाकर अब 4 रुपए कर दिया गया है. अब एक टन चीनी निर्यात पर 6000 की जगह केवल 4000 रुपए सब्सिडी के तौर पर मिलेंगे. सब्सिडी में करीब 34 फीसदी की कटौती तत्काल प्रभाव से की गई है.
सरकार के इस फैसले को लेकर ट्रेडर्स का कहना है कि इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है. पिछले कुछ समय में चीनी और शुगर इंडस्ट्री को लेकर क्या फैसले लिए गए हैं. इससे किसानों पर क्या असर होगा साथ ही शेयर बाजार के निवेशकों के लिए शुगर इंडस्ट्री कितना आकर्षक है, इस आर्टिकल में उन तमाम पहलुओं के बारे में जानेंगे. सरकार ने करंट मार्केटिंग ईयर के लिए चीनी निर्यात का लक्ष्य 6 मिलियन टन यानी 60 लाख टन कर दिया है. उत्पादन के लिहाज से इसका मार्केटिंग ईयर अक्टूबर से सितंबर के बीच चलता है.
सब्सिडी घटने का क्या होगा असर?
अब तक 57 लाख टन चीनी का निर्यात 6000 रुपए प्रति टन की सब्सिडी के साथ की जा चुकी है. बकाया 3 लाख टन चीनी का निर्यात अब 4000 रुपए प्रति टन सब्सिडी के हिसाब से किया जाएगा. मिनिस्ट्री ऑफ फूड के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुबोध कुमार ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में चीनी का रेट बढ़ रहा है. ऐसे में निर्यातकों को सब्सिडी घटने से कोई नुकसान नहीं होगा. आने वाले दिनों में अगर कीमत में और तेजी आती है तो संभव है कि सरकार एक्सपोर्ट सब्सिडी में और कटौती करे.
सितंबर में खत्म होगा मार्केटिंग ईयर
प्रोडक्शन की बात करें तो मार्केटिंग ईयर 2020-21 (अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021) के लिए अब तक शुगर प्रोडक्शन 30 मिलियन टन पर पहुंच गया है. मार्केटिंग ईयर 2019-20 के लिए यह आंकड़ा 27.42 मिलियन टन का था. भारत को एक मार्केटिंग साल में अपने इस्तेमाल के लिए 26 टन चीनी की जरूरत होती है. दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में चीनी मिलों को 2020-21 के मार्केटिंग ईयर के लिए 3,500 करोड़ रुपए की निर्यात सब्सिडी (Sugar Export Subsidy) के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी. सरकार से मिलने वाली इस सब्सिडी से गन्ना किसानों का बकाया चुक्ता हो जाएगा.
बलरामपुर इस सेक्टर का लीडर
बात अब शुगर इंडस्ट्री की करें तो इंटरनेशनल मार्केट में रेट बढ़ने के कारण इनकी बल्ले-बल्ले है और निवेशक खूब मुनाफा कमा रहे हैं. Balrampur Chini Mills भारत का सबसे बड़ा शुगर मैन्युफैक्चरर है. इसके अलावा EID Parry, Triveni Engineering और Dalmia Sugar इस सेक्टर की लीडिंग कंपनियां हैं. एक साल में बलरामपुर चीनी ने 238 फीसदी, EID Parry ने 168 फीसदी, त्रिवेणी इंजीनियरिंग ने 255 फीसदी और डालमिया शुगर ने 452 फीसदी का रिटर्न दिया है.
कीमत में गिरावट पर करें खरीदारी
बलरामपुर चीनी एक महीने में 21 फीसदी और तीन महीने में 78 फीसदी का रिटर्न दिया है. त्रिवेणी इंजीनियरिंग ने एक महीने में 30 फीसदी और तीन महीने में 94 फीसदी का रिटर्न दिया है. डालमिया शुगर ने एक सप्ताह में 13 फीसदी, एक महीने में 47 फीसदी और तीन महीने में 129 फीसदी का रिटर्न दिया है. बाजार के जानकारों का कहना है कि इन कंपनियों का परफॉर्मेंस काफी शानदार है. ऐसे में अपने कंसल्टेंट की उचित सलाह पर कीमत में गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है. अभी इस सेक्टर के शेयर्स में तेजी का और स्कोप दिख रहा है.