लॉन्‍ग टर्म और शॉर्ट टर्म टॉरगेट को लेकर कैसे बनाएं संतुलन

Update: 2023-07-05 18:53 GMT
अक्‍सर ऐसा देखने को मिलता है कि परिवार में जब पति-पत्‍नी दोनों लोग कमा रहे होते हैं तो ऐसे में वो अपनी लॉन्‍ग टर्म जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए कई प्‍लानिंग करते हैं. लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि हम अपनी शॉर्ट टर्म जरूरतों को पूरा करने के लिए लॉन्‍गटर्म योजनाओं को तोड़ देते हैं. ऐसे में सबसे अहम सवाल ये है कि इसका बड़ा नुकसान होता है जो हमें उस वक्‍त समझ में नहीं आता है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आप उस लॉन्‍ग टर्म सेविंग को अगर नहीं तोड़ते तो आपको कितना फायदा होता. साथ ही ये भी समझना जरूरी है कि लॉन्‍ग टर्म और शॉर्ट टर्म के बीच में सामंजस्‍य कैसे बिठाएं.
कई तरह की योजनाओं की करता है प्‍लानिंग
सामान्‍य तौर पर हर परिवार कई तरह की बचत योजनाओं को अपनी भविष्‍य की जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए करता है. इनमें भविष्य निधि योगदान और धारा 80सी के तहत कर-बचत के लिए यूलिप और पीपीएफ में निवेश करते हैं. कुछ लोगों का लक्ष्‍य होता है कि वो इन योजनाओं के जरिए बच्‍चों की पढ़ाई के लक्ष्‍य को पूरा करे. लेकिन कई बार जब जरूरत महसूस होती है तो कई लोग इन बचत योजनाओं को अपनी मौजूदा जरूरत के लिए बीच में ही तोड़ देते हैं. इससे उन्‍हें नुकसान हो जाता है. उन्‍हें लगता है कि वो भविष्‍य में और बेहतर कर पाएंगे.
इससे क्‍या-क्‍या हो सकता है नुकसान
अगर परिवार ऐसा करता है तो उसे कई तरह के इससे नुकसान हो सकते हैं. इसमें उनकी सेवानिवृत्ति और अपने बेटे की उच्‍च शिक्षा जैसे लॉन्‍ग टर्म योजना खतरे में आ सकती है. जब वे इस बचत योजनाओं से जल्दी पैसा निकाल लेते हैं, तो वे निवेश पर चक्रवृद्धि रिटर्न के फायदे से वंचित हो जाते हैं, जो आखिर समय तक एक बड़ा अमाउंट बन जाता. कई बार ऐसे परिवारों को लगता है कि अभी इस बचत योजना को तोड़कर वो आगे चलकर उसमें भुगतान कर देंगें. ये सोच आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है. इसके लिए आपको कई गुना ज्‍यादा तक भुगतान करना पड़ सकता है. ये भी हो सकता है कि उस वक्‍त की चुनौतियां आपको ऐसा करने की अनुमति न दें. जब तक आप इस बात से आप पूरी तरह से आश्‍वस्‍त न हों कि आपकी आय दूसरे सोर्स से निश्चित है तो आप उसे न छूएं. लेकिन अगर आपके पास ऐसी जरूरत है कि उसे तोड़ना बेहद जरूरी हो गया है तभी ऐसा करें.
ये परिस्थिति क्‍या देती है संकेत
यदि आपके पास अपनी मौजूदा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बचत नहीं है, तो इसका मतलब ये है कि आप खराब बजट या अपनी क्षमता से परे जीवनशैली जी रहे हैं. ऐसे में आपकी बचत करने की एक फाइनेंसियल योजना आपके ऐसे समय पर काम आ सकती है. ये योजना हमें उस वक्‍त सहारा दे सकती है जब हम अपनी लॉन्‍ग टर्म योजनाओं को ब्रेक करने सोच रहे होंगे. बचत की इस आदत से आपकी वित्तीय सुरक्षा खतरे में भी नहीं पड़ेगी.
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