ज्यादा रिटर्न में होता है ज्यादा जोखिम, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कही ये बड़ी बात...
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि ऊंचा रिटर्न पाने की चाहत के बीच उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। RBI Governor Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि ऊंचा रिटर्न पाने की चाहत के बीच उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है, जिससे उनको पैसों का नुकसान न हो. इसके अलावा पैसा लगाने से पहले पूरी जानकारी लेना भी जरूरी है.
ज्यादा रिटर्न में होता है ज्यादा जोखिम
शक्तिकांत दास ने रविवार को कहा कि 'जमाकर्ता पहले पांच लाख रुपये का गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ऊंचे रिटर्न या ज्यादा ब्याज के साथ जोखिम भी ज्यादा होता है. दास ने कहा, ''ऐसी स्थिति में निवेशकों को ऊंचे रिटर्न पाने की इच्छा के साथ सावधानी बरतने की जरूरत है.''
ज्यादा ब्याज देने वाले बैंक से सजग रहें
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, ''एक बैंक ज्यादा ब्याज दर की पेशकश कर रहा है, तो जमाकर्ताओं को अपना पैसा लगाने के पहले खुद भी ज्यादा सजग होना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि ऊंची ब्याज दर की कुछ पेशकश व्यवहार्य भी हैं, लेकिन वहां पर भी जमाकर्ताओं को सजगता दिखानी होगी.
बैंकिग प्रणाली को बनाएं मजबूत
दास ने कहा कि आरबीआई बैंकिंग प्रणाली को मजबूत एवं जुझारू बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह काम मिलकर करना होगा. उन्होंने कहा, ''बैंकिंग प्रणाली से जुड़े सभी हितधारक की यह जिम्मेदारी है, चाहे वह बैंक प्रबंधन हो, ऑडिट समिति हो, जोखिम प्रबंधन समिति हो या कोई भी नियामकीय प्राधिकरण हो.''
जानें क्या बोले आरबीआई गवर्नर
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि जमाराशि के बीमा का भुगतान इस दिशा में अंतिम उपाय होना चाहिए. उन्होंने कहा, ''आरबीआई निगरानी पद्धतियों को सशक्त करने के लिए नियामकीय निर्देशों में मजबूती लाने की रणनीति पर चलता रहा है. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि बैंक आगे बेहद लचीले ढंग से कामकाज जारी रखें.''
इस अवसर पर दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के समय के अपने बयान का जिक्र करते हुए कहा, ''देश ने महामारी के काल में साथ काम करके दिखाया है और अब समय आ गया है कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि का वाहक बन सकता है.'' उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में शामिल सभी पक्षों के मिलकर काम करने से ही ऐसा हो पाएगा.