हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपनियों की चिंता बढ़ी, क्लेम बढ़ने से बढ़ा दबाव

Update: 2022-01-13 02:43 GMT

दिल्ली। कोरोना महामारी (Covid-19) की तीसरी लहर तेजी से बड़ी संख्‍या में लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या इस समय साढ़े नौ लाख से ऊपर पहुंच गई है, जो पिछले 7 महिनों मे सबसे ज्‍यादा है. कोरोना के मामले बढ़ने से हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. और इसके साथ ही इंश्योरेंस क्लेम (Insurance claims) के मामले भी बढ़ रहे हैं . कंपनियों को टेंशन इस बात की है कि पिछली लहर में इंश्योरेंस क्लेम में इतनी बढ़त दर्ज हुई थी कि कंपनियों (Insurance companies) पर इसका सीधा असर देखने को मिला था. आशंका है कि इस बार लहर में पहले से कहीं ज्यादा तेजी की वजह से क्लेम भी उसी अनुपात में बढ़ सकते हैं.

आपको पता होगा कि पिछले साल कोविड की दूसरी लहर में इंश्योरेंस क्लेम करने वालों की संख्या बहुत ज्‍यादा थी. इससे बीमा कंपनियां दबाव में आ गई थीं. उनका लॉस रेश्यो तेजी से बढ़ गया था. इसे देखते हुए बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों को प्रीमियम दरों को 5 फीसद का बढ़ाने की अनुमति दी थी. कोविड की दूसरी लहर से ही बीमा कंपनियों का लॉस रेश्यो बढ़ रहा था, जिसमें पिछले साल अक्टूबर से सुधार आना शुरू हुआ था. अब जिस तेजी से इस समय केस बढ़ रहे हैं, आने वाले दिनों में कंपनियां प्रीमियम की दरें बढ़ा सकती हैं. बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड की तीसरी लहर के चलते अधिक संख्या में लोग इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं.

स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस के एमडी आनंद रॉय का कहना है कि कंपनी प्रीमियम में बदलाव के बारे में जनवरी के आखिर तक ही कुछ तय करेगी. रॉय ने कहा कि जिस तेजी से कोविड के केस बढ़ रहे हैं, उस तेजी से हॉस्पिटलाइजेशन नहीं बढ़ा है. इसलिए क्लेम्स की संख्या अभी नियंत्रण में है. इसी तरह दूसरी बीमा कंपनियों का भी कहना है कि वे कोविड के मामलों में तेज वृद्धि जारी रहने पर प्रीमियम में बढ़ोतरी संभव है.

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