देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC और HDFC फाइनेंस (HDFC Bank-HDFC Merger) के मर्जर की तारीख फाइनल हो गई है. 1 जुलाई से HDFC बैंक में HDFC फाइनेंस का विलय हो जाएगा. इसके बाद 13 जुलाई से HDFC के शेयर HDFC बैंक के रूप में कारोबार करना शुरू कर देंगे. इस संबंध में एफडीएफसी बैंक और HDFC बोर्ड की बैठक 30 जून को होने वाली है. HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने बताया कि 30 जून को होने वाली बैठक एचडीएफसी फाइनेंस के बोर्ड की आखिरी बैठक होगी.
क्या कर्मचारियों पर होगा असर?
वहीं, मर्जर के औपचारिक ऐलान के बाद HDFC बैंक और HDFC के स्टॉक में उछाल देखने को मिला है. HDFC बैंक के शेयर 1.39% की उछाल के साथ बाजार बंद होने तक 1,658.25 रुपए पर कारोबार कर रहे थे. जबकि HDFC का शेयर 1.86 फीसदी उछलकर 2771 रुपए पर पहुंच गया था. HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने विलय की तिथि के ऐलान के साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि इस मर्जर का असर कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा. उन्हें किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है.
सबसे बड़ा वित्तीय लेनदेन
HDFC लिमिटेड के HDFC बैंक में विलय को भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा वित्तीय लेन-देन माना जा रहा है. पिछले साल अप्रैल में इस मर्जर की घोषणा की गई थी. पारेख ने इस मर्जर को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि इससे 168 अरब डॉलर का बैंक बनेगा. इस विलय के बाद एचडीएफसी लिमिटेड के हर 25 शेयर के बदले HDFC बैंक के 42 शेयर दिए जाएंगे. एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन और CEO केकी मिस्त्री ने बताया कि HDFC के शेयरों में कारोबार 13 जुलाई को बंद हो जाएगा.
क्या होगा इसका असर?
इस मर्जर का फायदा बैंक खाताधारकों को मिलेगा. उन्हें एक छत के नीचे बैंकिंग और फाइनेंस दोनों का लाभ मिलेगा. HDFC बैंक की सभी ब्रांच में एचडीएफसी के प्रोडक्ट और सर्विसेस 1 जुलाई से मिलनी शुरू हो जाएंगी. अभी लोगों को अलग-अलग सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अलग-अलग जगह भागना पड़ता है. इसके अलावा, एक्सपर्ट मानते हैं कि विलय से HDFC बैंक और भी ज्यादा मजबूत हो जाएगा. जिसका सीधा मतलब है कि उसके डूब चुके यूएस के बड़े बैंकों जैसा हाल होने की कोई आशंका नहीं रहेगी. इससे बैंक की कैपिटल पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगी और अधिक जोखिम वाले लोन दे पाएगा.