हर‍ियाणा सरकार क‍िसानों को प्रत‍ि एकड़ 3 हजार रुपये की देगी मदद

प्रत‍ि एकड़ 3 हजार रुपये की मदद देगी सरकार

Update: 2022-04-06 12:33 GMT
हरि‍याणा सरकार (Haryana Government) ने राज्‍य में देशी कपास (Cotton) के उत्‍पादन को बढ़ावा देने का फैसला ल‍िया है. हर‍ियाणा का कृष‍ि व क‍िसान कल्‍याण व‍िभाग अपनी इस योजना के तहत राज्‍य में देशी कपास का रकबा बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. ज‍िसके मद्देनजर हर‍ियाणा सरकार ने एक अहम फैसला ल‍िया है. इस फैसले के तहत हर‍ियाणा सरकार देशी कपास लगाने वाले क‍िसानों (farmer) को व‍ित्‍तीय मदद उपलब्‍ध कराएगी. ऐसे क‍िसानों को हर‍ियाणा सरकार अपनी इस योजना के तहत प्रत‍ि एकड़ 3 हजार रुपये की वि‍त्‍तीय मदद देगी.
25 अप्रैल से 31 मई तक क‍िसानों को कराना होगा रज‍िस्‍ट्रेशन
देशी कपास लगाने वाले क‍िसानों को हर‍ियाणा सरकार प्रत‍ि एकड़ 3 हजार रुपये की व‍ित्‍तीय मदद देगी. इस मदद को प्राप्‍त करने के ल‍िए राज्‍य के ऐसे क‍िसानों को 'मेरी फसल मेरा ब्‍यौरा' पोर्टल http://agriharyana.gov.in/ पर रज‍िस्‍ट्रेशन कराना होगा. रज‍िस्‍ट्रेशन की प्रक्र‍िया 25 जनवरी से शुरू होगी और क‍िसान 31 मई तक रज‍िस्‍ट्रेशन करा सकेंगे. जानकारी के मुताब‍िक क‍िसानों की तरफ से अनुदान के ल‍िए रजि‍स्‍ट्रेशन कराए जाने के बाद उसका भौति‍क सत्‍यापन होगा. ज‍िसके बाद क‍िसानों को अनुदान राश‍ि जारी की जाएगी.
यह देशी कपास की क‍िस्‍में, 15 अप्रैल से शुरू होती है ब‍िजाई
हर‍ियाणा में मुख्‍यत: कपास के 3 तरह के बीज किसानों की तरफ से प्रयोग क‍िए जा रहे हैं. ज‍िसमें नरमा, बीटी कॉटन तथा देशी कपास शाम‍िल है. कपास के सभी बीजों का ब‍िजाई 15 अप्रैल से शुरू हो जाती है. जो पूरे महीने रहती है. वहीं देशी कपास की क‍िस्‍मों की बात करें तो मौजूदा समय में प्रमुख रूप से एचडी-107, 123, 324 व 432 को देशी कपास की क‍िस्‍मों के तौर पर पहचाना जाता है.
गुलाबी सुंडी बनी है समस्‍या
कपास हरियाणा में प्रमुख नकदी फसल है. ज‍िसे हर‍ियाणा के क‍िसान थोड़ी नमकीन व कमजोर भूमि में भी सफलतापूर्वक उगा रहे हैं. धान की तुलना में इसमें लागत कम लगती है, जबक‍ि बाजार में इसका भाव धान से अध‍िक होता है. ऐसे में क‍िसान कपास की तरफ अध‍िक आकर्ष‍ित हुए हैं, लेक‍िन बीते कई वर्षों से उत्‍तर भारत में होने वाली कपास की फसलों पर गुलाबी सुंडी लग जा रही है. ज‍ि‍ससे कपास की फसल खराब हो जा रही है. ज‍िसको देखते हुए बीते कुछ समय से व‍िशेषज्ञ गुलाबी सुंडी मैनेजमेंट के लिए सही टेक्नोलॉजी अपनाने पर जोर दे रहे हैं. वहीं इस बीच हर‍ियाणा सरकार ने देशी कपास के उत्‍पादन को बढ़ाने पर जोर द‍िया है.
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