जीएसटी की जांच में खुलासा: बिहार ,बंगाल से स्क्रैप की खपत बढ़ी, फर्जी फर्मों ,व्यापार
राज्य की सेवा एवं वस्तु कर (जीएसटी) की टीम ने पिछले दिनों कार्रवाई में सेंट्रल जीएसटी वाली बोगस फर्म को पकड़ा था। इस फर्म द्वारा बिहार से बड़ी मात्रा में स्क्रैप लेकर दूसरे राज्य ले जाया जा रहा था। जांच में सामने आया कि बिहार और बंगाल से स्क्रैप का बड़ा काम ऐसी ही फर्में बोगस फर्म तैयार कर करती हैं। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान होने के साथ व्यापारियों-कारोबारियों का लंबा मुनाफा हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि शहर की कुछ फर्में चिह्नित की गई हैं। ये सेंट्रल की बोगस फर्मों के द्वारा लोहे के स्क्रैप को एक राज्य से दूसरे राज्य तक भेजते हैं।
दरअसल, जीएसटी विभाग का दावा है कि अक्सर बोगस फर्में पकड़े जाने पर पता लगता है कि ये फर्म सेंट्रल जीएसटी में पंजीयन हैं। सूत्रों ने बताया कि फर्जी फर्मों के सहारे काम करने वाले सेंट्रल जीएसटी में बड़ी आसानी से पंजीकरण करवा लेते हैं। इसके लिए सब्जी, ठेले या अन्य छोटे बड़े काम करने वाले छोटे और बाहरी व्यापारियों के नाम पर ये आवेदन कर देते हैं। स्टेट जीएसटी में आवेदन किए फर्म के दफ्तर के पते का भौतिक परीक्षण किया जाता है। जबकि, सेंट्रल जीएसटी में पंजीकरण के लिए आवेदन के तीन दिन के भीतर ही आधार, पैन और एड्रेस के बाद पंजीयन हो जाता है। इसी के सहारे स्क्रैप का धंधा जोरों पर फलता फूलता है।
सूत्र बताते हैं कि इन बोगस फर्मों पर ऑनलाइन ई-वे बिल डाउनलोड कर लिया जाता। बिहार और बंगाल के लोहे के स्क्रैप को लोड कर इस डाउनलोड बिल को गाड़ी में रख देते हैं। रास्ते में अगर चेकिंग होती है तो इसी फर्जी बोगस फर्म का डाउनलोड बिल दिखा दिया जाता है। इससे स्टेट जीएसटी की टीम इन अवैध कारोबारियों पर पकड़ नहीं जमा पाती। एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड टू देवमणि शर्मा ने बताया कि बोगस फर्म की तरफ से अवैध स्क्रैप मंगाए जाने का मामला पकड़ में आया है। लोहे के धंधे में इस अवैध तरीके का लोग प्रयोग करते हैं। मंडल में टीमों को निर्देशित किया गया है। अभी 16 करोड़ रुपये का फर्जी ई-वे बिल से स्क्रैप को पकड़ा गया था।
ड्राइवर के बयान ने उलझा दिया
स्टेट विजिलेंस की टीम ने रांची के फर्म पर 16 करोड़ रुपये का ई-वे बिल पाया था। पहले तो देखकर लगा कि यह सामान नियमों के अनुसार जा रहा है। लेकिन, गोपनीय सूचना के आधार पर टीम आश्वस्त थी कि अवैध स्क्रैप लादकर ले जाया जा रहा है। सख्ती के साथ चालक से पूछताछ की तो पता चला कि ट्रक को बिहार से लोड किया गया है। इसी आधार पर जांच आगे बढ़ी तो मामला खुलकर सामने आया।
आयकर की टीम भी कर चुकी है जांच
आयकर की टीम ने भी पिछले दिनों जिले के लोहा कारोबारी के यहां छापा मारा था। इस दौरान उसके सहयोगी साझेदारों का नाम भी आया। आयकर की टीम ने उनसे भी पूछताछ की थी। इसी उद्यमी के यहां आयकर के छापे के पहले सेंट्रल जीएसटी की केंद्रीय टीम ने भी छापा मारा था। इसके अलावा, जीएसटी की तरफ से अवैध फर्म से लोहे के स्क्रैप पर पिछले चार महीनों में जीएसटी ने बड़ी कार्रवाई की है। कई ट्रकों को जब्त करने के साथ कर जमा करवाया।