दिसंबर के बीच से शुरू होगी धान की सरकारी खरीद, जानें MSP पर कितनी पैदावार बेच सकेंगे किसान
MSP पर कितनी पैदावार बेच सकेंगे किसान
झारखंड में 15 दिसंबर से किसानों से धान की खरीद शुरू हो जाएगी. प्रदेश के सभी प्रखंडों में धान की खरीद लैम्पस और पैक्स में शुरू करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है. इस बार किसानों द्वारा बेचे गए धान की कुल कीमत का 50 प्रतिशत सरकार द्वारा तुरंत भुगतान किया जाएगा. शेष 50 प्रतिशत धान किसानों को 3 महीने के भीतर दिया जाएगा. सरकार ने एक किसान से धान की खरीद के लिए अधिकतम 200 क्विंटल सीमा निर्धारित की है.
एक किसान अधिकतम 200 क्विंटल धान बेच सकता है
राज्य के कृषि एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि सरकार ने पिछले साल की तुलना में इस बार 2 लाख टन अधिक धान की खरीद का लक्ष्य रखा है. इस बार 8 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है. पिछली बार सरकार ने 6 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले 6.2 लाख टन धान की खरीद की थी. धान खरीद की दरें पिछले साल की तरह ही हैं. सामान्य धान के लिए 20.50 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए किस्म के लिए 20.70 रुपये प्रति क्विंटल की राशि दी जाएगी. इस राशि में केंद्र द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य और राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया गया बोनस दोनों शामिल हैं. कहा गया है कि एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान की खरीद की सीमा तय करने के पीछे का कारण यह है कि सरकार अधिक से अधिक किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य से लाभान्वित करना चाहती है.
रांची में खोले जाएंगे धान अधिप्राप्ति केंद्र
हाल ही में रांची उपायुक्त ने बैठक की थी. इस दौरान उपायुक्त छवि रंजन ने रांची जिले के खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के लिए 5 लाख क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गये थे. साथ ही यह बताया गया कि रांची जिले में कुल 26 धान क्रय केंद्र खोले जाएंगे. चयनित क्रय केंद्रों को चालू करने के पूर्व धान अधिप्राप्ति हेतु आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता, गोदाम की क्षमता इत्यादि का भौतिक सत्यापन कर लेने का निर्देश उपायुक्त द्वारा जिला आपूर्ति पदाधिकारी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी रांची को दिया गया.
1200 रुपए क्विंटल धान बेच रहे किसान
वर्तमान में किसान धान बिचौलियों को बचने के लिए मजबूर हैं. किसान बिचौलियों को 1200 रुपए क्विंटल धान बेचने को मजबूर हैं. रांची जिले के मांडर प्रखंड के किसान किसानों को धान बेच रहे हैं. यहां के कई किसान नाम नहीं बताने की शर्त पर कहते हैं कि प्रखंड में ब्राम्बे स्थित लैम्पस में ही धान की खरीद की जाती है. इसके कारण किसानों को लैम्पस तक धान लाने में बहुत परेशानी होती है. इसपर भी कई बार बार उन्हें ऐसे ही लौटा दिया जाता है. उन्हें कहा जाता है कि लैम्पस में धान रखने की जगह नहीं है या फिर धान में नमीं है इस तरह के बहाने बनाए जाते हैं.