सरकार सभी पैसेंजर व्हीकल्स के लिए साइड और कर्टेन एयरबैग को स्टैंडर्ड बनाने की कर रही है प्लानिंग
भारत में बेचे जाने वाले यात्री वाहनों के सुरक्षा स्तर को बढ़ाने पर सरकार लगातार काम कर रही है
भारत में बेचे जाने वाले यात्री वाहनों के सुरक्षा स्तर को बढ़ाने पर सरकार लगातार काम कर रही है. इस संबंध में सरकार के कई अहम फैसलों ने देश में ऑटो उद्योग की गतिशीलता को बदल दिया है. हाल के वर्षों में, सरकार ने भारत में सभी पैसेंजर व्हीकल्स में एयरबैग, एबीएस और रिवर्स पार्किंग सेंसर जैसे फीचर्स अनिवार्य कर दिए हैं. अब, सरकार सभी पैसेंजर व्हीकल्स के लिए साइड और कर्टेन एयरबैग को स्टैंडर्ड बनाने की प्लानिंग कर रही है.
सिर्फ 800 रुपये है एयरबैग की कीमत
जहां यह कदम वाहन चालकों की सुरक्षा की दृष्टि से प्रशंसनीय है, वहीं वाहन में अतिरिक्त एयरबैग की बढ़ती लागत ग्राहकों जेब पर भी भारी पड़ने वाली है. इस धारणा के अनुरूप केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि एक वाहन में प्रत्येक अतिरिक्त एयरबैग से वाहन की लागत में केवल 800 रुपये प्रति एयरबैग की बढ़ोत्तरी होगी.
अपने फैसले पर कायम सरकार
इस बयान के साथ नितिन गडकरी ने यह कन्फर्म किया है कि सरकार आने वाले महीनों में साइड और कर्टेन एयरबैग को अनिवार्य करने के अपने फैसले पर कोई बदलाव नहीं करने वाली है. वाहन निर्माता कंपनियां सरकार के इस फैसले से खुश नहीं हैं.
महंगी हो जाएंगी कारें ?
इन वाहन निर्माता कंपनियों के मुताबिक ग्राहकों को एयरबैग की अतिरिक्त लागत वहन करनी होगी और इसका नतीज यह होगा कि नई कार खरीदना अधिक महंगा हो जाएगा. साथ ही मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में भी बढ़ेगी. हालांकि, केंद्रीय मंत्री के अनुसार, प्रत्येक अतिरिक्त एयरबैग की कीमत सिर्फ 800 रुपये होगी. वहीं दूसरी ओर भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में जानकारी देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि देश में 21 करोड़ से अधिक टू वीलर और सात करोड़ से अधिक 4 वीलर और इससे अधिक श्रेणी के वाहन रजिस्टर्ड हैं. लोकसभा में नितिन गडकरी ने कहा कि इनमें से 5,44,643 इलेक्ट्रिक दोपहिया हैं