आत्मनिर्भर भारत अभियान पर जोर दे रही है सरकार, बैंकिंग सेक्टर को होगा फायदा
सरकार ने बीते कुछ महीनों में इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए और देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए चीनी कंपनियों पर नकेल कसी है.
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान पर जोर दे रही है. सरकार ने बीते कुछ महीनों में इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए और देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए चीनी कंपनियों पर नकेल कसी है. वहीं भारत में निर्माण करने वाली कंपनियों को प्रोडक्शन लिंक इंसेटिव ( PLI ) स्कीम के तहत सब्सिडी देने का भी ऐलान किया है. दरअसल सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा सामान का निर्माण भारत में हो ताकि देश में रोजगार भी बढ़ सके. हालांकि इस स्कीम से सरकारी खजाने में भी आने वाले 5 सालों में भारी भरकम रकम आएगी.
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के एक अनुमान के मुताबिक सरकार को पीएलआई स्कीम से अगले 5 सालों में 35 से 40 लाख रुपए की अतिरिक्त कमाई हो सकती है. सरकार ने पीएलआई स्कीम का ऐलान पिछले साल चीन को टक्कर देने के लिए था. इसके बाद एपल समेत कई कंपनियों ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग बेस बढ़ाने को लेकर कदम बढाया है.
ऐसे बढ़ सकता है निवेश
दरअसल इस स्कीम की घोषणा कोरोना काल के दौरान की गई थी. जिसमें कहा गया था कि पीएलआई स्कीम के तहत सरकार लोकल मैन्युफैक्चरिंग में आगे आने वाली कंपनियों को 1. 8 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी करेगी. क्रिसिल के उम्मीद के मुताबिक इस कदम से देश में निवेश बढेगा जिससे सरकार की आमदनी भी बढेगी. माना जा रहा है कि अगले 24 से 30 महीने के अंदर कंपनियां अपना उत्पादन करना शरू कर देंगी. जिससे 2. 2.7 लाख करोड़ का नया निवेश आने की उम्मीद जताई जा रही है.
बैंकिंग सेक्टर को होगा फायदा
पीएलआई स्कीम के तहत कंपनियां क्रेडिट बैकों से लेंगी जिससे बैंकिंग सेक्टर की क्रेडिट डिमांड 500 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ सकता है. इसका फायदा इकोनॉमी को मिलेगा. बैकों के पास ज्यादा डिमांड आने के कारण मार्केट में क्रेडिट फ्लो बढ़ेगा. क्रिसिल का मानना है कि PLI स्कीम 2021-22 में इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट में कामकाजी पूंजी के 45-50% तक बढ़ने की संभावना है.
क्या है बैंकिंग क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने का मतलब
किसी भी देश की बैंकिंग क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने का मतलब होता है कि बैकों की ओर से कारोबारियों को दिया जाने वाला लोन आम लोगों के लोन से ज्यादा है. क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने का मतलब है कि इकोनॉमी में ज्यादा पैसा मार्केट में फ्लो हो रहा है. जब भी किसी देश में इंडस्ट्रियल ग्रोथ बढ़ता है तो वहां के बैकों का क्रेडिट ग्रोथ में तेजी दर्ज की जाती है.