पोस्ट ऑफिस मे बचत खाते खोलने पर सरकार ने बदल दिए नियम, ग्राहकों को होगा सीधा फायदा
अगर पोस्ट ऑफिस के सेविंग बैंक अकाउंट में आपका खाता है तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है
अगर पोस्ट ऑफिस के सेविंग बैंक अकाउंट में आपका खाता है तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि सेविंग खाते से जुड़े नियमों को बदल दिया गया है. अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की खबर में बताया गया है कि सरकार ने कुछ लोगों को पोस्ट ऑफिस में जीरो बैलेंस बचत खाते खोलने की अनुमति देने के लिए इसके नियमों में बदलाव किया है. मौजूदा समय में पोस्ट ऑफिस बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर चार्जेस लगते है.
डाकघर की बचत योजनाओं में लोग सुरक्षित विकल्प के रूप में निवेश करते हैं. इसमें निवेश किए गए पूरे पैसे के 100 फीसदी सुरक्षित होने की गारंटी रहती है.
इसकी जमाओं पर सोवरेन गांरटी होती है यानी अगर पोस्ट ऑफिस खाताधारकों का पैसा लौटाने में विफल रहता है तो सरकार निवेशकों के पैसों की गारंटी लेती है.
क्या कहता है नया नियम
वित्त मंत्रालय ने पोस्ट ऑफिस के सेविंग बैंक अकाउंट को लेकर 9 अप्रैल, 2021 को एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें बताया गया है कि डाकघर में जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट कौन-कौन खोल सकते है.
कोई भी इंडिविजुअल यानी कोई भी आम व्यक्ति खाता खोल सकता है. जो किसी भी सरकारी कल्याण योजना का पंजीकृत वयस्क सदस्य हो और नाबालिग के अभिभावक द्वारा जिसका नाम किसी भी सरकारी लाभ के लिए रजिस्टर्ड है.
इन लोगों द्वारा खोला गया बेसिक सेविंग अकाउंट जीरो बैंलेंस खाता होगा. लेकिन एक से ज्यादा जगह पर नहीं खुलवाया जा सकता है. सरकारी कल्याणी योजनाओं और किसी भी अन्य स्कीम का पैसा भी इस खाते में जमा किया जा सकता है.
अगर आप पेंशन, छात्रवृत्ति, एलपीजी सब्सिडी आदि जैसे किसी भी सरकारी लाभ का लाभ उठा रहे हैं और अपने बचत खाते में न्यूनतम शेष राशि नहीं रखना चाहते हैं, तो आप पोस्ट ऑफिस के साथ इस तरह का शून्य-शेष खाता खोल सकते हैं.
पोस्ट ऑफिस सेविंग खाते के बारे में जानिए
पोस्ट ऑफिस में 500 रुपये में सेविंग्स अकाउंट खुल जाता है. एक पोस्ट ऑफिस में एक ही बचत खाता खुलवा सकते हैं. इस समय पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट पर सालाना ब्याज दर 4 फीसदी है.
इसे सिंगल या ज्वॉइंट में, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग बच्चे के नाम पर, दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए खुलवा सकते हैं.
पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट पर चेक/एटीएम सुविधा, नॉमिनेशन सुविधा, अकाउंट एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे में ट्रांसफर कराने की सुविधा, इंट्रा ऑपरेबल नेटबैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग की सुविधा, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट्स के बीच ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध है. अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए 3 वित्त वर्षों के अंदर कम से कम एक बार डिपॉजिट या विदड्रॉल करना जरूरी है
बैंक में खुलते है जीरो बैलेंस अकाउंट
माना जा रहा है कि सरकार पोस्ट ऑफिस के साथ शून्य बैलेंस खाता खोलने की अनुमति दे रही है जो पहले बैंकों के साथ खोले जाते थे. मौजूदा समय में, बैंक भी जोरी बैलेंस खाते खोलने की अनुमति देते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को जन-धन योजना / बुनियादी बचत बैंक जमा खाता (BSBDA) के तहत शून्य शेष खाता खोलने की अनुमति दी है.
जीरो बैलेंस अकाउंट के नियम सख्त होते हैं
बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडी) वो बैंक खातों होते है जिसे जीरो बैलेंस यानी शून्य राशि से खोला जा सकता है.
इसमें कोई न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं होती है. इससे पहले रेग्युलर सेविंग्स अकाउंट जैसे खातों को ही अतिरिक्त सुविधाएं मिलती थीं.
इन खातों में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत होती है और अन्य शुल्क भी देने होते हैं. आरबीआई ने बैंकों से बचत खाते के रूप में बीएसबीडी खाते की सुविधा देने को कहा है.
बीएसबीडी खातों में नेट बैकिंग, फोन बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा मिलती है. इस खाते में बिल पे, ईमेल से बैंक स्टेटमेंट फ्री दिया जाता है.
ग्राहकों को सेफ डिपॉजिट लॉकर की सुविधा दी जाती है. इस खाते में अकाउंट होल्डर को फ्री पासबुक और बैंक और एटीएम में फ्री चेक-कैश डिपॉजिट जैसी सुविधाएं मिलती है.
लेकिन जीरो बैलेंस अकाउंट कुछ प्रतिबंधों के साथ खोले जाते हैं. जी हां, जैसे बीएसबीडीए खाता खोलने वाले, अधिकतम जमा राशि जो खाते में रखी जा सकती है, 50,000 रुपये है.
किसी एक फाइनेंशियल ईयर में BSBDA खाते के तहत कुल जमा राशि 1 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती है. इसके अलावा, किसी विशेष माह में निकाली जाने वाली अधिकतम राशि 10,000 रुपये से अधिक नहीं हो सकती है. एक महीने में चार से अधिक निकासी की अनुमति नहीं है.