कर्मचारियों-पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर

Update: 2023-07-03 08:37 GMT

देशभर में पुरानी पेंशन योजना की मांग तेज हो गई है. वहीं कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना भी लागू कर दी गई है। राज्य गवर्नमेंट द्वारा अगले साल पुरानी पेंशन योजना की अधिसूचना जारी कर दी जायेगी। अब शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से जोड़ने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने सहमति दे दी है।

दरअसल, झारखंड यूनिवर्सिटी में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा मिलेगा। इसे इस योजना से जोड़ने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने सहमति दे दी है। वहीं, उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विश्वविद्यालयों से पुरानी पेंशन योजना के अनुसार व्यय भार की मांग की है।

निदेशालय ने विभाग से जानकारी मांगी

उधर, वित्त विभाग समेत उच्च शिक्षा निदेशालय ने मांग की है कि यूनिवर्सिटी में अब तक कुल कितने पदाधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को कितने स्थायी सेवानिवृत्ति खाता नंबर आवंटित किये गये हैं। अंशदान योजना के अनुसार उनके वेतन से यह कटौती की गई है.

वहीं निदेशालय के पत्र में राज्य यूनिवर्सिटी को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों ने व्यवहार एवं अन्य वांछित जानकारी मौजूद करा दी है। इसके साथ ही निदेशालय की ओर से रांची यूनिवर्सिटी से जानकारी की मांग की गयी है। विश्वविद्यालय से जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई पूरी की जायेगी।

ये होगी प्रक्रिया

वही यूनिवर्सिटी के मुद्दे में राज्य गवर्नमेंट द्वारा 2020-21 में नयी पेंशन योजना से संबंधित पत्र भेजा गया था। जिसे अभी तक वापस नहीं लिया गया है। वही पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए सबसे पहले उच्च शिक्षा निदेशालय को इन पत्रों को रद्द करना होगा. इसके बाद 2004 से पहले के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जा सकती है।

मामला यहीं अटक गया

इससे पहले राज्य यूनिवर्सिटी में जेपीएससी के अनुसार नियुक्त 2008 बैच के 750 शिक्षकों और अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों सहित 2004 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए तकनीकी समस्याएं देखी जा रही हैं. इसके चलते राज्य गवर्नमेंट की ओर से 20-21 को विवि को पत्र भेजकर जानकारी दी गयी। जिसमें बोला गया कि 2004 के बाद नियुक्त यूनिवर्सिटी कर्मियों को नयी पेंशन योजना के दायरे में शामिल किया जा रहा है।

वहीं, गवर्नमेंट की ओर से पत्र मिलने के बाद ही शिक्षा पदाधिकारी समेत अनुकंपा पर नियुक्त कर्मचारियों ने इसका विरोध प्रारम्भ कर दिया है। कर्मचारियों के विरोध का कारण भी यही था कि जब 2004 में नियुक्ति के बाद यूनिवर्सिटी में नयी पेंशन योजना लागू होने और कटौती की जानकारी साल 2020 में क्यों दी जा रही है?

इस बीच यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की ओर से उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया गया। वहीं, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा देने के लिए आगे की कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गयी है। माना जा रहा है कि जल्द ही यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में शामिल किया जाएगा.

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