ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी मीशो (Meesho) के अच्छे दिन आ गए हैं. कंपनी ने पहली बार प्रॉफिट कमाया है. उसके ऑर्डर की संख्या लगातार बढ़ रही है और उसका रिवेन्यु भी पहले से बेहतर हो गया है. कंपनी का कहना है कि वो हर तरह का सामान बेचने वाला भारत का पहला ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन गई है, जिसने मुनाफा कमाया है. जून तिमाही के नतीजों से कंपनी उत्साहित है और अब बड़ी तैयारी के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रही है, इसमें आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) लाना भी शामिल है.
शानदार रहे पिछले 12 महीने
सॉफ्टबैंक के निवेश वाली Meesho साल 2015 में अस्तित्व में आई थी. शुरुआती कुछ समय तक नुकसान में रहने के बाद अब कंपनी प्रॉफिट हासिल हुआ है. चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (Chief Financial Officer) धीरेश बंसल के मुताबिक, पिछले 12 महीनों में कंपनी का कारोबार शानदार रहा है. ऑर्डर्स की संख्या 43 प्रतिशत बढ़ गई है और कुल 1 अरब से भी अधिक ऑर्डर आए हैं. पिछले 12 महीनों में कंपनी का राजस्व 5% बढ़ गया है. जनवरी से जून 2023 के दौरान मीशो की आय 40 करोड़ डॉलर रही है. कंपनी को इस साल के अंत तक 80 करोड़ डॉलर से अधिक सालाना राजस्व की उम्मीद है. जबकि वित्त वर्ष 2025 तक उसका लक्ष्य 10,000 करोड़ रुपए राजस्व हासिल करना है.
इतना लगेगा IPO में वक्त
नतीजों से उत्साहित मीशो अब जल्द ही अपना आईपीओ लॉन्च कर सकती है. धीरेश बंसल का कहना है कि मीशो अगले 12 से 18 महीने के भीतर अपना आईपीओ ला सकती है. कंपनी इस वक्त अपनी ग्रोथ, स्केल और प्रॉफिट के ऊपर फोकस कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल कंपनी के पास 400 मिलियन डॉलर का कैश रिजर्व है. यानी उसके पास ऑपरेशन के लिए पर्याप्त धन है. बता दें कि मई, 2023 में मीशो की निवेशक कंपनी Fidelity ने इसकी वैल्यूएशन में बड़ी कटौती की थी. इसके साथ ही कंपनी का वैल्यूएशन 7 बिलियन डॉलर से घटकर 4.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. हालांकि, इसके बावजूद कंपनी के ऑर्डर्स की संख्या में इजाफा हुआ है. कंपनी का दावा है कि जून 2023 तक उसके ऑर्डर वॉल्यूम में 43 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. उसके 85 फीसदी से अधिक ऐसे ग्राहक हैं जिन्होंने दोबारा मीशो को आर्डर दिया है.
सबसे ज्यादा डाउनलोड मिले
मीशो का दावा है कि भारत में सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाला शॉपिंग ऐप उसी की है. उसका कहना है कि मीशो पर ऑर्डर करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और ज़्यादातर ऑर्डर छोटे शहरों से हुए हैं. जिसका मतलब है कि छोटे शहरों में भी कंपनी की पहुंच काफी मजबूत हुई है. मीशो ने पिछले कुछ समय में अपने खर्चों में कटौती की है. कंपनी तकनीकी पहलुओं पर खर्च सालाना 60 प्रतिशत कम करने में कामयाब रही है. इससे उसका बिजनेस ऑपरेशन और मजबूत हो गया है. कंपनी ज्यादा पूंजी निवेश करने के बजाय आपूर्ति ढांचे पर खास जोर देती है. यह रणनीति उसके लिए कारगर साबित हुई है.