मुंबई: गोल्ड की कीमतों में आने वाले समय में गिरावट जारी रहेगी। इसकी वजह तेजी का कोई सकारात्मक संकेत न होना है। यह जानकारी एक्सपर्ट्स द्वारा दी गई। एक्सपर्ट्स की ओर से कहा गया कि अमेरिका में महंगाई कम होने के कारण फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में लगातार कटौती जा रही है, लेकिन हाल ही महंगाई दर 2.4 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले बढ़कर 2.6 प्रतिशत पर रही है। इसने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती को लेकर चिंताएं पैदा कर दी है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी एवं करेंसी के रिसर्च एनालिस्ट उपाध्यक्ष, जतीन त्रिवेदी ने कहा, "इस घटनाक्रम से गोल्ड की कीमतों पर दबाव बढ़ा है और इसने मजबूत डॉलर और फेड नीति में संभावित बदलाव के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है।" पिछले कुछ दिनों में भारत में गोल्ड की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के दिन 6 नवंबर को 24 कैरेट के 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 78,866 रुपये थी, जो कि 14 नवंबर तक गिरकर 73,740 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई है।
पीएल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन के सीईओ संदीप रायचुरा ने कहा कि टैरिफ वार का होना लगभग तय हो चुका है और इसलिए अमेरिकी डॉलर में भी काफी तेजी आई है, जो गोल्ड के लिए नकारात्मक कारक है। उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड ने 2,602 डॉलर प्रति औंस के स्तर को तोड़ दिया है और 2,590 डॉलर प्रति औंस के नीचे फिसल गया है। ऐसे में छोटी अवधि का ट्रेंड बिकवाली का है। गोल्ड के लिए 2,534 डॉलर प्रति औंस और 2,470 डॉलर प्रति औंस एक अहम सपोर्ट लेवल है। अमेरिका में महंगाई उम्मीद से अधिक बढ़ने के कारण यूएस डॉलर इंडेक्स 106.50 से बढ़कर 107 हो गया है।
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के ईबीजी-कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा कि अमेरिकी सीपीआई डेटा से पता चला है कि महंगाई फेड के 2 प्रतिशत लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है, जिसके बाद उच्च डॉलर और उच्च ट्रेजरी यील्ड के कारण गोल्ड में गिरावट जारी है।