नई दिल्ली। इस साल अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सोने का आयात (Gold Import) सालाना आधार पर कई गुना उछाल के साथ 7.9 बिलियन डॉलर (करीब 58,572.99 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से सोने के आयात में भारी कमी आई थी। इस वजह से लो बेस इफेक्ट के चलते सोने के आयात में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली। इन आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से जून तिमाही के दौरान पीली धातु का आयात घटकर 688 मिलियन डॉलर (5,208.41 करोड़ रुपये) पर रह गया था। उल्लेखनीय है कि सोने के आयात का असर देश के चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) पर देखने को मिलता है।
चांदी का Import घटा
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक सालाना आधार पर चांदी का Import 93.7 फीसद घटकर 39.4 मिलियन डॉलर का रह गया। इसी दौरान (अप्रैल से जून के दौरान) जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट्स बढ़कर 9.1 बिलियन डॉलर पहुंच गया जो पिछले साल की समान तिमाही में 2.7 बिलियन डॉलर पर रहा था।
सोने के आयात में वृद्धि से देश का चालू खाता घाटा काफी अधिक बढ़ गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश का चालू खाता घाटा (आयात और निर्यात का अंतर) बढ़कर 31 बिलियन डॉलर के आसपास पहुंच गया।
भारत सोने का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है। देश में मुख्य रूप से ज्वेलरी इंडस्ट्री की मांग को पूरा करने के लिए यह आयात किया जाता है। अगर वॉल्यूम के आधार पर बात की जाए तो भारत हर वर्ष 800-900 टन सोने का आयात करता है।