फसल बीमा योजना के लिए 31 जुलाई तक करवा लें ये काम, वरना बैंक का काटना पड़ेगा चक्कर
फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है
हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY-Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत वर्ष 2021 के दौरान खरीफ सीजन में धान, मक्का, बाजरा, कपास तथा रबी सीजन में गेहूं, जौ, चना, सरसों व सूरजमुखी फसलों का बीमा किया जाएगा. फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है. इसलिए यदि सरकार से कर्ज (Loan) लेने वाले किसान इस योजना में शामिल नहीं होना चाहते तो वे 24 जुलाई तक अपने बैंकों में लिखित आवेदन करके योजना से बाहर (ऑप्ट-आउट) हो सकते हैं.
वरना बैंक कर देगा फसल बीमा
यदि ऋणी किसान (Farmer) स्कीम से बाहर होने के लिए तय सीमा तक संबंधित बैंक (Bank) में आवेदन नहीं करता है तो बैंक किसान की फसलों का बीमा करने के लिए अधिकृत या बाध्य होंगे. गैर-ऋणी किसान ग्राहक सेवा केंद्र या बीमा (Crop Insurance) कंपनी के प्रतिनिधि से अपनी फसल का बीमा करवा सकता है. यदि कोई किसान पहले से नियोजित फसल को बदलता है तो उसे अंतिम तिथि से कम से कम दो दिन पहले (29 जुलाई तक) फसल बदलाव के लिए बैंक में सूचित करना होगा.
किसानों को कितना देना होगा प्रीमियम (प्रति एकड़)
-धान के लिए 713.99 रुपये.
-मक्का के लिए 356.99 रुपये.
-बाजरा के लिए 335.99 रुपये.
-कपास के लिए 1732.50 रुपये.
-गेहूं के लिए 409.50 रुपये.
-जौ के लिए 267.75 रुपये.
-चना के लिए 204.75 रुपये.
-सरसों (Mustard) के लिए 275.63 रुपये.
-सूरजमुखी के लिए 267.75 रुपये.
कितनी होगी बीमित रकम (प्रति एकड़)
-धान की फसल पर 35699.78 रुपये.
-मक्का पर 17849.89 रुपये.
-बाजरा पर 16799.33 रुपये.
-कपास पर 34650.02 रुपये.
-गेहूं पर 27300.12 रुपये.
-जौ पर 17849.89 रुपये.
-चना पर 13650.06 रुपये.
-सरसों पर 18375.17 रुपये.
-सूरजमुखी पर 17849.89 रुपये.
(Source:Agriculture Department Haryana)
प्रदेश में क्लेम के बारे में दावा
हरियाणा देश के उन चुनिंदा राज्यों में से है जिनका क्लेम तथा प्रीमियम का अनुपात 100 प्रतिशत से अधिक है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2016 से खरीफ 2020 तक 67,82,971 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया. जिनमें से 18,15,205 किसानों को क्लेम के रूप में 3960.81 करोड़ रुपए वितरित किए गए.
परियोजना अधिकारी व सर्वेयर नियुक्त
इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला स्तर पर परियोजना अधिकारी व सर्वेयर नियुक्त किए गए हैं. जो केवल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का ही कार्य देखते हैं. बीमा कंपनियों ने भी किसानों की सहायता के लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर अपने कर्मचारी नियुक्त किए हैं. स्कीम में किसानों की शिकायतों के निपटान के लिए राज्य व जिला स्तर पर शिकायत निवारण समितियों का गठन किया गया है.