आईडीएफसी फर्स्ट बैंक कर्मचारियों के परिवारों और जरूरतमंद ग्राहकों को मुफ्त में राशन बांटा जाएगा
कोरोना महामारी के प्रभाव के चलते जान गंवा चुके कर्मचारियों के परिवारों की मदद एवं कम आये वाले ग्राहकों का सहारा बनने के मकसद से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC FIRST Bank) ने एक अनूठी पहल की है
कोरोना महामारी के प्रभाव के चलते जान गंवा चुके कर्मचारियों के परिवारों की मदद एवं कम आये वाले ग्राहकों का सहारा बनने के मकसद से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC FIRST Bank) ने एक अनूठी पहल की है. इसके तहत बैंक ने 'घर-घर राशन' कार्यक्रम की शुरुआत की है. जिसमें कर्मचारियों के परिवारों और जरूरतमंद ग्राहकों को मुफ्त में राशन बांटा जाएगा. इसके लिए मौजूदा कर्मचारियों ने COVID कस्टमर केयर फंड के जरिए अपना योगदान दिया है.
इस बारे में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एमडी और सीईओ वी वैद्यनाथन ने कहा, "हम संकट की भयावहता को देखते हुए सभी समस्याओं का समाधान तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम अपने ग्राहकों को कर्मचारियों की उस हद तक सहायता करना चाहते हैं जिससे उनकी तकलीफ कुछ कम हो सके. इसीलिए हमने "घर-घर राशन" कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम के तहत हमारे कर्मचारियों ने COVID कस्टमर केयर फंड बनाने के लिए एक दिन से लेकर एक महीने तक का अपना वेतन इसमें बतौर योगदान दिया है. हमने इस फंड का उपयोग सीधे अपने उन ग्राहकों की सहायता के लिए करने का निर्णय लिया जिनकी आजीविका COVID-19 के कारण प्रभावित हुई है.
बांटे जा रहे हैं राशन किट
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 'घर-घर राशन' कार्यक्रम के तहत करीब ऐसे 50,000 कम आय वाले ग्राहकों को चुना गया है जो कोरोना के चलते प्रभावित हुए हो, उन्हें राशन किट की आपूर्ति की जा रही है. राशन किट में 10 किलो चावल/आटा, 2 किलो दाल (दाल), 1 किलो चीनी और नमक, 1 किलो खाना पकाने का तेल, मिश्रित मसालों के 5 पैकेट, चाय और बिस्कुट है. इसमें एक छोटे परिवार को सहारा देने के लिए लगभग एक महीने का जरूरत का सामान है. पायलट कार्यक्रम के तहत, कर्मचारियों ने पहले ही महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा में 1000 राशन किट सफलतापूर्वक वितरित किए हैं.
कैसे ले सकते हैं योजना का लाभ
बैंक की ओर से बांटे जा रहे इस राशन किट को लेने के लिए सीधे नजदीकी शाखा से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा बैंक कर्मचारी भी व्यक्तिगत संपर्क के साथ ग्राहकों के घरों में सीधे राशन पहुंचा रहे हैं. ग्रामीण स्थानों में, राशन किट कर्मचारियों द्वारा भौतिक रूप से वितरित किए जाते हैं और शहरी स्थानों में, कर्मचारी रुपये के प्रीपेड कार्ड प्रदान करते हैं.