एफपीआई ने जुलाई में आईटी सेक्टर में निवेश किए 11,763 करोड़ रुपये

Update: 2024-08-08 06:38 GMT

दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से जुलाई में भारतीय आईटी शेयरों में 11,763 करोड़ रुपये (1.40 अरब डॉलर) की खरीदारी की गई है। यह 2022 में नया सेक्टरोल क्लासिफिकेशन लागू होने के बाद अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के डेटा से यह जानकारी मिली है। एनएसडीएल द्वारा क्लासिफिकेशन अप्रैल 2022 में लागू किया गया था। इसके बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सेक्टर की संख्या 35 से घटाकर 22 कर दी गई।

इससे पहले आईटी तीन क्षेत्रों -- सॉफ्टवेयर, सर्विसेज और हार्डवेयर में बंटा हुआ था।एफपीआई द्वारा आईटी शेयरों में खरीदारी की वजह अमेरिकी फेड की ओर से सितंबर में ब्याज दर कम किए जाने की संभावना है, जिसके कारण आईटी पर कंपनियां खर्च बढ़ा सकती हैं और इसका फायदा आईटी कंपनियों को हो सकता है।

बीते एक महीने में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने 5 प्रतिशत, इन्फोसिस ने 5.5 प्रतिशत और एचसीएल टेक ने 3.5 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। वहीं, इस दौरान बीएसई के बेंचमार्क सेंसेक्स और एनएसई के बेंचमार्क निफ्टी ने क्रमश: करीब एक प्रतिशत और आधा प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है। भारत में एफपीआई द्वारा जुलाई में इक्विटी और डेट कैटेगरी में संयुक्त रूप से 54,727 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसमें से इक्विटी में 32,364 करोड़ रुपये और डेट में 22,363 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।

एफपीआई द्वारा भारतीय बाजार में निवेश करने की एक वजह मजबूत अर्थव्यवस्था का भी होना है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है, जो कि चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एफपीआई की गतिविधियां डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव, वैश्विक परिस्थितियों और भारतीय बाजारों के वैल्यूएशन जैसे कारणों पर निर्भर करती हैं।

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