रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सुब्बाराव का Digital Currency को लेकर बड़ा बयान, बना रहेगा एकसाथ दोनों का वजूद

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल मुद्रा जारी करने के लिए जोरदार प्रेरक कारक हैं और नए जमाने की मुद्रा के साथ ही नकदी का अस्तित्व भी बना रहेगा.

Update: 2021-10-19 03:30 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल मुद्रा जारी करने के लिए जोरदार प्रेरक कारक हैं और नए जमाने की मुद्रा के साथ ही नकदी का अस्तित्व भी बना रहेगा. आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुब्बाराव ने कहा कि साइबर सुरक्षा भी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के नकारात्मक जोखिमों में से एक है.

उन्होंने कहा, ''आरबीआई द्वारा सीबीडीसी की पेशकश के लिए एक मजबूत प्रेरक कारक है… सीबीडीसी के साथ नकदी का वजूद भी बना रहेगा.'' आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने यह भी कहा कि जब केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा पेश करेगा, तो गोपनीयता भी एक बड़ा मुद्दा होगा. उल्लेखनीय है कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने हाल में कहा था कि केंद्रीय बैंक चरणबद्ध क्रियान्वयन रणनीति के साथ अपनी डिजिटल मुद्रा पर काम कर रहा है. आरबीआई निकट भविष्य में थोक और खुदरा श्रेणियों में इसे पेश करने की प्रक्रिया में है.
मनी सप्लाई पर कंट्रोल घटेगा
सुब्बाराव ने यह भी कहा कि अगर केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी जारी करता है तो उसका मनी सप्लाई पर नियंत्रण कमजोर होगा. उन्होंने कहा कि ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट पर डिजिटल करेंसी का बड़ा असर होगा. आने वाले दिनों में ऐसा संभव हो सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी की मदद से भारत और चीन जैसे देशों से पैसा निकाला जाए. इसके अलावा सबसे बड़ा चैलेंज रेग्युलेशन को लेकर है. इसके कारण मनी लॉन्ड्रिंग में आसानी होगी.
कमिटी ने डिजिटल फिएट करेंसी लॉन्च करने का दिया सुझाव
रेग्युलेशन की बात करें तो वित्त मंत्रालय ने डिजिटल करेंसी पर विवेचना के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल कमिटी का गठन किया था. इसक कमिटी ने कहा कि सेंट्रल बैंक को डिजिटल करेंसी यानी CBDC लॉन्च करना चाहिए, लेकिन यह फिएट करेंसी की तरह होगी. दूसरे शब्दों में यह फिएट करेंसी का डिजिटल रूप होगा.


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