12.34 लाख करोड़ तक पहुंचा Fiscal Deficit, GDP ने बताया आगे कितना हो सकता है बढ़त

सरकार को 12.83 लाख करोड़ रुपए का राजस्व मिला

Update: 2021-02-26 14:30 GMT

केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) जनवरी के अंत में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के 66.8 फीसदी यानी 12.34 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया. एक साल पहले जनवरी अंत में राजकोषीय घाटा संशोधित बजट अनुमान का 128.5 फीसदी पर था. महालेखा नियंत्रक (CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2021 के अंत में सरकार का राजकोषीय घाटा जनवरी 2021 की समाप्ति पर 12,34,004 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 मार्च तक सरकार का राजकोषीय घाटा 18.48 लाख करोड़ रुपए यानी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 9.5 फीसदी रहने का अनुमान है.


चालू वित्त वर्ष के दौरान मोरोना वायरस महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिये लॉकडाउन लगाया गया जिसका कारोबारी गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ा और परिणामस्वरूप सरकार की राजस्व प्राप्ति भी कम रही.
सरकार को 12.83 लाख करोड़ रुपए का राजस्व मिला
सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2021 तक सरकार को 12.83 लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ. यह राशि 2020- 21 के संशोधित बजट अनुमान का 80 फीसदी है. इसमें 11.01 लाख करोड़ रुपए कर राजस्व के शामिल हैं. वहीं इस दौरान कर प्राप्ति 2020- 21 के बजट अनुमान का 82 फीसदी रही जबकि इससे पिछले साल इसी अवधि में यह प्राप्ति 66.3 प्रतिशत रही. गैर- कर राजस्व संशोधित अनुमान का 67 फीसदी रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 73 फीसदी रही थी.

सीजीए के मुताबिक आलोचय अवधि में कुल खर्च 25.17 प्रतिशत रहा जो कि संशोधित अनुमान का 73 प्रतिशत है वहीं एक साल पहले इस दौरान कुल व्यय संशोधित अनुमान का 84.1 प्रतिशत था. फरवरी 2020 के बजट में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 3.5 प्रतिशत अनुमानित था. लेकिन संशोधित अनुमान में इसे 9.5 प्रतिशत (18,48,655 करोड़ रुपये) कर दिया गया है.

कोविड- 19 महामारी और लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां तो बंद रही लेकिन महामारी पर काबू पाने के लिये चिकित्सा सुविधाओं और बीमारों के इलाज पर खर्च तेजी से बढ़ा है. 2019- 20 में राजकोषीय घाटा 4.6 प्रतिशत तक पहुंच गया था जो कि पिछले सात साल का उच्चतम घाटा रहा.


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