RBI की चिंता के बाद सरकारी बैकों में पूंजी डालना चाहते है वित्त मंत्रालय, BIC मॉडल पर विचार
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नई पूंजी डालने के लिए शून्य कूपन बांड जारी करने पर आरबीआई द्वारा चिंता जताए जाने के बाद वित्त मंत्रालय अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नई पूंजी डालने के लिए शून्य कूपन बांड जारी करने पर आरबीआई द्वारा चिंता जताए जाने के बाद वित्त मंत्रालय अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि अब वित्त मंत्रालय बैंकों में पूंजी डालने के लिए बैंक इन्वेस्टमेंट कंपनी गठित करने सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है.
बैंकों में सरकार के शेयर BIC में स्थानांतरित करने का सुझाव
पी जे नायक समिति ने भारत में बैंकों के बोर्ड संचालन पर तैयार अपनी रिपोर्ट में बीआईसी को बैंकों की होल्डिंग कंपनी के रूप में स्थापित करने या मुख्य इन्वेस्टमेंट कंपनी बनाए जाने का सुझाव दिया था. रिपोर्ट में बैंकों में सरकार के शेयर बीआईसी में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया गया था, जो इन सभी बैंकों की मूल होल्डिंग कंपनी बन जाएगी. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक लिमिटेड बैंक बन जाएंगे. बीआईसी ऑटॉनमस कंपनी होगी और उसे निदेशक मंडल के सदस्य नियुक्त करने और सबसिडरी के बारे में अन्य नीतिगत फैसले लेने का अधिकार होगा.
सूत्रों ने कहा कि बीआईसी एक सुपर होल्डिंग कंपनी होगी. 2014 में आयोजित बैंकरों के पहले ज्ञान संगम रिट्रीट में इस पर विचार-विमर्श किया गया था. यह प्रस्ताव किया गया था कि होल्डिंग कंपनी बैंकों की पूंजी जरूरत का ध्यान रखेगी ओर सरकार के समर्थन के बिना उनके लिए फंड का प्रबंध करेगी.
सरकारी बैंकों की सरकार पर निर्भरता हो सकेगी कम
इसके अलावा यह पूंजी जुटाने के वैकल्पिक तरीकों पर मसलन सस्ती पूंजी जुटाने के लिए गैर-वोटिंग शेयरों की बिक्री करने पर भी विचार कर सकती है. इससे सरकारी बैंकों की सरकार के समर्थन पर निर्भरता कम हो सकेगी.
ब्याज के बोझ और वित्तीय दबाव से बचने के लिए सरकार ने बैंकों की पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए शून्य-कूपन बांड जारी करने का फैसला किया है. इसका पहला परीक्षण पंजाब एंड सिंध बैंक पर किया गया है. इस सिस्टम के तहत पिछले साल पंजाब एंड सिंध बैंक में छह विभिन्न परिपक्वताओं वाले शून्य-कूपन बांड जारी कर 5,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई है.