वोडाफोन कर मामला में वित्त मंत्रालय ने किया स्पष्ट, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र को नहीं दी कोई सलाह
वोडाफोन कर मामले में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार मध्यस्थता मामले कानूनी उपाय समेत सभी विकल्पों पर विचार कर रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| वोडाफोन कर मामले में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार मध्यस्थता मामले कानूनी उपाय समेत सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। मंत्रालय ने कहा है कि कई खबरें सामने आ रही हैं, जिसमें यह दावा किया गया है कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार को वोडफोन के खिलाफ अपील नहीं करने की सलाह दी है, लेकिन यह दावा झूठा है। मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया है।
22,100 करोड़ की कर मांग से जुड़ा है मामला
मालूम हो कि पिछले महीने ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन को भारत सरकार के साथ उसके पुराने कर विवाद मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत में जीत हासिल हुई थी। यह मामला कंपनी से 22,100 करोड़ रुपये की कर मांग से जुड़ा है।
Vodafone arbitration award along with all options are under examination within the Ministry and further course of action will be decided based on such examination: Ministry of Finance https://t.co/L3EjSex8Zi
— ANI (@ANI) October 15, 2020
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने व्यवस्था दी थी कि भारत की पिछली तिथि से कर की मांग करना दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते के तहत निष्पक्ष व्यवहार के खिलाफ है। ब्रिटिश कंपनी ने एक बयान में कहा, 'वोडाफोन इस बात की पुष्टि करती है कि निवेश संधि न्यायाधिकरण ने मामला वोडाफोन के पक्ष में पाया। यह आम सहमति से लिया गया निर्णय है जिसमें भारत द्वारा नियुक्त मध्यस्थ रोड्रिगो ओरेमुनो भी शामिल हैं।'
वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने भारत सरकार के पिछली तिथि से कर लगाने के कानून के तहत उससे की गई कर मांग के खिलाफ मध्यस्थता अदालत में चुनौती दी थी। सरकार ने 2012 में पारित एक कानून के जरिए पिछली तिथि में हुए सौदों पर कर लगाने का अधिकार हासिल कर लिया था।