किसानों को मिलेगा लाभ, सरकार ने खेती में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए उठाए बड़े कदम

कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को वित्त पोषण दिशानिर्देश जारी किए हैं

Update: 2022-01-23 09:50 GMT
किसानों की कृषि लागत कम करने के लिए और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि की नई तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है. कृषि ड्रोन भी खेती के आधुनिक उपकरणों में से एक है जिसके इस्तेमाल से किसानों को काफी राहत मिल रही है. क्योंकि इससे एक बड़े क्षेत्रफल में महज कुछ घंटों में कीटनाशक या दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है. इससे किसानों की लागत में कमी आएगी, समय की बचत होगी और सबसे बड़ा फायदा यह होगा की सही समय पर खेतों में कीट प्रबंधन किया जा सकेगा. कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, "कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम) योजना के तहत केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कृषि ड्रोन की खरीद, किराए पर लेने और प्रदर्शन में सहायता करके इस तकनीक को किफायती बनाने के लिए आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को वित्त पोषण दिशानिर्देश जारी किए हैं.
ड्रोन के इस्तेमाल के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ड्रोन खरीदने के लिए 100 फीसदी या दस लाख रुपए तक अनुदान देने की परिकल्पना की गई. इसके अलावा किसान उत्पादक संगठनों को ड्रोन खरीदने के लिए 75 फीसदी तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. यह वित्तीय सहायता और 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगी. प्रदर्शन के लिए ड्रोन किराए पर लेने वाले एजेंसियों को 6000 रुपए प्रति आक्समिक खर्च के तौर पर दिए जाएंगे, जबकि ड्रोन खरीद कर प्रदर्शन करने वाले एजेंसियों को आक्समिक खर्च के तौर 3000 रुपए प्रति हेक्टेयर दिए जाएंगे.
कस्टम हायरिंग केंद्रों को मिलेगी मदद
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष समित शाह ने बताया कि कॉपरेटिव सोशल सोसाइटी, एफपीओ और ग्रामीण इंटरप्रेन्योर्स द्वारा स्थापिति किए गए कस्टम हायरिंग केंद्रों को ड्रोन खरीदने के लिए चार प्रतिशत या लगभग चार लाख रुपए की राशि दी जाएगी. कृषि स्नातक द्वारा स्थापित कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए पांच लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके तहत जारी किए गए गाइडलाइंस के मुताबिक राज्य सरकार के माध्यम से ड्रोन की खरीद के प्रस्तावों को धन आवंटन के लिए योजना की कार्यकारी समिति के विचार के लिए पेश किया जाएगा.
किसानों को किया जा रहा जागरूक
अग्रणी कृषि अनुंसधान और कृषि प्रशिक्षण संस्थानों को आठ से दस लाख रुपए मूल्य के कृषि ड्रोन मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा. इसके बदले में ये संस्थान देश भर में ड्रोन के छिड़काव का प्रशिक्षण करेंगे. किसान जल्द से जल्द कृषि ड्रोन के इस्तेमाल के प्रति जागरूक हों इसके लिए एफपीओ और कृषि इंटरप्रेन्योर्स सब्सिडाइज्ड दरों पर कृषि ड्रोन दिए जाएंगे. ताकि इसका इस्तेमाल बढ़ सकें. साथ ही देश का हर एक किसान इसका इस्तेमाल कर सकें.
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