अंगूर के निर्यात में कमी टेंशन में आई किसान
सांगली जिले से अंगूर का निर्यात पिछले महीने से शुरू हो गया था,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जब अंगूर (grapes)के बाग पूरे जोरों पर थे तभी अंगूर उत्पादक किसानों को प्रकृति की अनियमितताओं का सामान करना पड़ा था.बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और बढ़ती ठंड इस तरह के संकटों पर काबू पाने के बाद आखिरकार अंगूर के बाग एक बार फिर से खिलने लग गए.लेकिन उसके बाद भी संकट कम होता नही दिख रहा है अब किसानों (farmers) के सामने नई समस्या आ गई है.सांगली और नासिक से अंगूर का निर्यात (grapes export)धीमी गति से शुरू हो रहा है.जानकारों का कहना है कि यह मध्यवर्ती जलवायु में परिवर्तन के कारण भी हो सकता है जलवायु परिवर्तन (Climate change)के कारण इसकी मांग काफी घट गई है सांगली जिले ने यूरोप सहित खाड़ी देशों को 3,360 टन अंगूर का निर्यात किया है जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान का सीधा असर किसानों की आय पर पड़ता दिख रहा है.