15 मई तक 1.5 लाख मिट्रिक टन उड़द के इम्पोर्ट की अंतिम तिथि बढ़ाई गई
उद्योग मंत्रालय के इस संबंध में 07 मई को एक नोटिफिकेशन जारी किया था
केंद्र की मोदी सरकार ने 1.5 लाख मिट्रिक टन उड़द दाल के आयात की अंतिम तिथि 15 मई तक बढ़ा दी है. इस काम के लिए सरकार ने पहले 30 अप्रैल की तारीख तय की थी. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के इस संबंध में 07 मई को एक नोटिफिकेशन जारी किया था.
भारत दलहन और तिलहन का बड़ा उत्पादक देश होने के साथ ही सबसे उड़ा उपभोक्ता भी है. बीते पांच-छह साल में ही भारत ने दलहन उत्पादकता को 140 लाख टन से बढ़ाकर 240 लाख टन से ज्यादा कर लिया है. वर्ष 2019-20 में, भारत में 23.15 मिलियन टन दलहन उत्पादन हुआ, जो विश्व का 23.62% है.
उत्पादन की बात करें तो पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 में तूर की दाल 38.80 लाख मीट्रिक टन, उड़द की दाल 24.50 मीट्रिक टन, मसूर की दाल 13.50 मीट्रिक टन, मूंग की दाल 26.20 मीट्रिक टन और चना की दाल 116.20 मिट्रिक टन उत्पादित की गई थी. जबकि तूर, उड़द, मसूर, मूंग और चना की दाल क्रमश: 4.40 मीट्रिक टन, 3.21 मीट्रिक टन, 11.01 मीट्रिक टन, 0.52 मीट्रिक टन और 2.91 मीट्रिक टन की मात्रा में आयात करना पड़ा था.
दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार कर रही ये काम
सरकार दलहन के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही है. इसी के तहत सरकार ने फैसला लिया है कि 82.01 करोड़ रुपए के बीज के 20 लाख से अधिक मिनी-किट वितरित करेगी ताकि फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में दालहन उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके. खरीफ (गर्मी) के मौसम में बुवाई जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है. मानसून इस साल सामान्य रहने का अनुमान है. खरीफ की मुख्य दलहनी फसलों में तुअर, मूंग और उड़द की खेती हैं.
हाल ही में कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि अरहर, मूंग और उड़द के रकबे के विस्तार और उत्पादकता में सुधार, दोनों ही कार्यो के लिए राज्य सरकारों के परामर्श से एक विस्तृत योजना तैयार की गई है. मंत्रालय ने कहा, 'रणनीति के तहत अधिक उपज देने वाली किस्मों (एचवाईवी) के बीज का उपयोग करने की योजना है….. इन बीजों को अंतर-फसल और एकमात्र फसल के माध्यम से रकबे को बढ़ाने के लिए नि: शुल्क वितरित किया जाएगा.'
1.5 लाख मिट्रिक टन उड़द के इम्पोर्ट की अंतिम तिथि 15 मई तक बढ़ाई गई10 गुना अधिक बीज किट वितरित किए जाएंगे
इसमें कहा गया है कि आने वाले खरीफ 2021 के लिए, 20,27,318 (वर्ष 2020-21 की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक मिनी बीज किट) वितरित करने का प्रस्ताव है, जिसकी लागत 82.01 करोड़ रुपए आएगी. 15 जून तक इन मिनी किटों को केंद्रीय एजेंसियों अथवा राज्य एजेंसियों द्वारा जिला स्तर पर गंतव्य तक आपूर्ति की जाएगी. भारत अभी लगभग चार लाख टन तुअर, 60 हजार टन मूंग और लगभग तीन लाख टन उड़द का आयात कर रहा है.