पेट्रोल-डीजल-एटीएफ पर बढ़ी एक्साइज ड्यूटी, क्या हैं सरकार के फैसले का फायदा

पेट्रोल-डीजल-एटीएफ पर बढ़ी एक्साइज ड्यूटी

Update: 2022-07-01 09:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एटीएफ के निर्यात पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। पेट्रोल पर 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 12 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है। एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) के निर्यात पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।

जानकारों के मुताबिक आम जनता के लिए अच्छी खबर है, जिससे घरेलू बाजार में ईंधन की खपत को पूरा करने में मदद मिलेगी। सरकार की ओर से यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि देश में ईंधन की कोई कमी न हो. इससे घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। हालांकि नेपाल, भूटान और अन्य देशों में एक्साइज में बदलाव पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सरकार का स्पष्टीकरण- आम लोगों पर नहीं पड़ेगा असर
पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने के फैसले पर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर निर्यात उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से आम उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा. इसके बजाय इस निर्णय से इन वस्तुओं की उपलब्धता देश में बनी रहेगी। केंद्र सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि कंपनियां पिछले कुछ समय से अधिक निर्यात कर रही हैं। निर्यात की वजह से घरेलू बाजार में तेल में गिरावट आ रही थी। जिससे कीमतों में भी उछाल आया। अब सरकार के इस फैसले से कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी जिससे आम आदमी को फायदा होगा.
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बाद उत्पादकों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ को रोकने के लिए स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर 23,230 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाने का फैसला किया है। इस संबंध में सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
आपको बता दें कि भारतीय तेल रिफाइनर यूरोप और अमेरिका जैसे बाजारों में ईंधन के निर्यात से भारी मुनाफा कमा रही हैं। ऐसे में सरकार ने स्थानीय स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के निर्यात पर टैक्स बढ़ाकर 23,230 रुपये प्रति टन कर दिया है।


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