EPFO सब्सक्राइबर्स को आज मिल सकती है खुशखबरी, इंट्रेस्ट रेट पर आ सकता है बड़ा फैसला
माना जा रहा है कि अनक्लेम्ड अमाउंट का कुछ हिस्सा सीनियर सिटीजन वेलफेयर स्कीम्स में निवेश किया जा सकता है. इससे सीनियर सिटीजन्स को मिलने वाली पेंशन की राशि बढ़ जाएगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की अहम बैठक हो रही है. इस बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इंट्रेस्ट रेट और प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) में जमा अनक्लेम्ड अमाउंट के ट्रांसफर पर चर्चा होगी. संभव है कि होली से पहले सरकार की तरफ से इन दो मुद्दों पर बड़ी घोषणा की जाए. बैठक का आयोजन गुवाहाटी में किया गया है. इस बैठक में पीएफ के अलग-अलग इन्वेस्टमेंट पर किस तरह का रिटर्न मिला है, उस बात पर भी समीक्षा की जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मौजूदा बाजार की स्थिति और रूस-यूक्रेन क्राइसिस को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज इंट्रेस्ट रेट (PF interest rates) में कटौती कर सकता है.
वर्तमान में ईपीएफओ पर इंट्रेस्ट रेट 8.5 फीसदी है. बोर्ड की कोशिश होगी कि चालू वित्त वर्ष के लिए भी इंट्रेस्ट रेट को घटाया नहीं जाए. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि EPFO के सरप्लस में कितना फंड पड़ा है. EPFO ने करीब 12700 करोड़ का निवेश बेचा है. यह निवेश ईटीएफ (Exchange Traded Fund) में बेचा गया है. ईपीएफओ को करीब 5529 करोड़ रुपए डिविडेंड के रूप में आने की उम्मीद है. प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन के पास करीब 58 हजार करोड़ रुपए का अनक्लेम्ड अमाउंट जमा है.
पेंशन स्कीम में ट्रांसफर हो सकता है अनक्लेम्ड अमाउंट
माना जा रहा है कि अनक्लेम्ड अमाउंट का कुछ हिस्सा सीनियर सिटीजन वेलफेयर स्कीम्स में निवेश किया जा सकता है. इससे सीनियर सिटीजन्स को मिलने वाली पेंशन की राशि बढ़ जाएगी. नियम के मुताबिक, अगर सात सालों तक प्रोविडेंट फंड के अमाउंट को क्लेम नहीं किया जाता है तो सरकार के पास यह अधिकार है कि वह इसे सीनियर सिटीजन वेलफेयर स्कीम्स में ट्रांसफर कर दे.
दो सालों से इंट्रेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं
पिछले दो वित्त वर्षों से इंट्रेस्ट रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. अगर चालू वित्त वर्ष के लिए भी इंट्रेस्ट रेट को बरकरार रखा जाता है तो यह लगातार तीसरा साल होगा जब इंट्रेस्ट रेट 8.5 फीसदी पर रहेगा. पहली बार वित्त वर्ष 2019-20 में इंट्रेस्ट रेट घटाकर 8.5 फीसदी किया गया. वित्त वर्ष 2020-21 में भी इसे 8.5 फीसदी रखा गया. अगर इसबार भी इसे बरकरार रखा जाता है तो 2021-22 के लिए भी इंट्रेस्ट रेट 8.5 फीसदी रहेगा. वर्तमान में ईपीएफओ से करीब 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स से जुड़े हुए हैं.
मोदी सरकार ने कितना रहा है इंट्रेस्ट रेट
मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी तब इंट्रेस्ट रेट 8.75 फीसदी थी. वित्त वर्ष 2014-15 में इंट्रेस्ट रेट 8.75 फीसदी, वित्त वर्ष 2015-16 में इंट्रेस्ट रेट 8.80 फीसदी, वित्त वर्ष 2016-17 में इंट्रेस्ट रेट 8.65 फीसदी, वित्त वर्ष 2017-18 में इंट्रेस्ट रेट 8.55 फीसदी, वित्त वर्ष 2018-19 में इंट्रेस्ट रेट 8.65 फीसदी और वित्त वर्ष 2019-20 से इंट्रेस्ट रेट 8.5 फीसदी पर बरकार है.