इस साल तीन गुना इलेक्ट्रिक दोपहिया बिक्री की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष 2022-23 में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री तीन गुना होने का अनुमान है। इसकी मुख्य वजह सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद पर दिए जाने वाले इंसेंटिव एवं पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी मानी जा रही है

Update: 2022-05-22 05:51 GMT

चालू वित्त वर्ष 2022-23 में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री तीन गुना होने का अनुमान है। इसकी मुख्य वजह सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद पर दिए जाने वाले इंसेंटिव एवं पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी मानी जा रही है। अगले तीन-चार साल में बैट्री स्वैपिंग सुविधा के पूरी तरह से लागू होने की उम्मीद भी है। इससे भी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा।

सोसायटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) के अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में 10 लाख यूनिट से अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हो सकती है। वित्त वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 3.45 लाख यूनिट रही थी। उससे पूर्व के वित्त वर्ष में 1.46 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी।

आपको जानकारी के लिए बता दें, देश में हर साल लगभग 1.5 करोड़ दोपहिया वाहनों की बिक्री होती है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष में दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी आठ प्रतिशत तक पहुंच सकती है जो फिलहाल दो प्रतिशत है।

पहले से ज्यादा मिल रहा इंसेंटिव

पिछले सप्ताह ईवी इंडस्ट्री के रोडमैप पर आयोजित एक कार्यक्रम में भारी उद्योग मंत्रालय के मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि वर्ष 2030 तक दोपहिया वाहनों में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। एसएमईवी के महानिदेशक एसएस गिल ने बताया कि सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए इंसेंटिव बढ़ाए जाने से बिक्री को काफी प्रोत्साहन मिला है। पहले एक किलोवाट की बैट्री पर 10,000 रुपये का इंसेंटिव मिलता था, जो अब 15,000 रुपये हो गया है।

इलेक्ट्रिक स्कूटर में अमूमन तीन-चार किलोवाट की बैट्री होती है। ऐसे में पहले खरीदार को जहां 30-40 हजार रुपये का इंसेंटिव मिलता था, वह बढ़कर अब 45-60 हजार रुपये का हो गया है। अब 70,000 रुपये तक में इलेक्ट्रिक स्कूटर मिल रहे हैं। दोपहिया वाहनों में लगने वाली बैट्री चार साल के बाद बदलने की जरूरत होती है। तब तक घर पर चार्ज करके ही चार साल तक बिना अतिरिक्त खर्च के दोपहिया वाहन चलाए जा सकते हैं।

जानकारों के मुताबिक, पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी लोगों का रुझान इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की तरफ बढ़ गया है। मांग बढ़ने से अभी किसी भी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की बिक्री में 40 से 60 दिनों की वेटिंग चल रही है। जानकारों का कहना है कि अगले तीन-चार साल में बैट्री स्वैपिंग की सुविधा पूरी तरह से शुरू होने के बाद दोपहिया वाहनों की रिसेल वैल्यू भी अच्छी मिलेगी। स्वैपिंग सुविधा शुरू होने पर 25,000 रुपये की नई बैट्री खरीदने की जरूरत नहीं होगी और पुराने दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ेगी।


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