देश में टमाटर की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद अब एक और सब्जी लोगों की जेब ढीली कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के ज्यादातर शहरों में प्याज की कीमत बढ़ सकती है. कुछ व्यापारियों का कहना है कि मानसून के कारण प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिसके कारण इस साल दिसंबर तक प्याज की आपूर्ति में कमी आ सकती है.सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने महाराष्ट्र के पांच क्षेत्रों में प्याज की खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हालांकि ये कीमत पिछले साल से कम है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में प्याज की औसत खुदरा कीमत 35.88 रुपये, 2021 में औसत खुदरा कीमत 32.52 रुपये और 2022 में 28.00 रुपये प्रति किलो रही. वहीं, साल 2023 में प्याज की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि, आने वाले महीनों में इसकी कीमत बढ़ सकती है।
सरकार ने इतने स्टॉक खरीदे
सरकार ने करीब दो महीने पहले किसानों से करीब 0.14 मिलियन टन प्याज का स्टॉक खरीदा है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अप्रैल में कहा था कि केंद्र सरकार 2023-24 सीजन के लिए 3 लाख टन प्याज बफर स्टॉक में रखेगी. वहीं पिछले सीजन 2022-23 के लिए 2.51 लाख टन प्याज बफर स्टॉक में रखा गया था. दूसरी ओर, भारत सरकार ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि 2021-22 में प्याज का उत्पादन 31.69 मिलियन टन से गिरकर 31.01 मिलियन टन होने का अनुमान है।
इसे बफर स्टॉक में क्यों रखा जाता है?
किसी भी आंकड़े को पूरा करने और कीमतों को स्थिर करने के लिए बफर स्टॉक रखा जाता है। ऐसा तब किया जाता है जब आपूर्ति कम हो और कीमतें बढ़ रही हों। गौरतलब है कि रबी प्याज की कटाई अप्रैल के दौरान की जाती है और यह अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई तक उपभोक्ता मांग को पूरा करता है।
टमाटर के दाम 80 रुपये बढ़े
पहले तेज गर्मी और फिर देशभर में लगातार बारिश के कारण टमाटर की कीमतों पर असर पड़ा है। भारत में बारिश और अत्यधिक गर्मी के कारण फसल बर्बाद होने के कारण आपूर्ति की कमी हो गई है। ऐसे में टमाटर के दाम 10 से 20 रुपये से बढ़कर 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. यानी प्रति किलो 70 से 80 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. मौसम की वजह से थोक और खुदरा बाजार में टमाटर के अलावा अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं.