व्यापार: जानकारी के मुताबिक शहर का दौरा करने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों और राष्ट्राध्यक्षों की सुविधा के लिए मध्य और दक्षिणी दिल्ली, एयरोसिटी और गुड़गांव के 30 प्रमुख होटलों में करीब 10,000 आतिथ्य पेशेवर तैनात किए जाएंगे। एक प्रमुख होटल के प्रवक्ता के अनुसार, दिल्ली पुलिस, विदेश मंत्रालय और दूतावासों ने लगभग दो महीने पहले सुरक्षा अभ्यास शुरू किया था। होटलों को कहा गया है कि वो अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करें। नेताओं की सुरक्षा और गोपनियता को ध्यान में रखते हुए भी पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश होटलों को दिए गए है।
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान यानी सात से 11 सितंबर तक सभी होटलों के पास पर्याप्त कर्मचारी और आपूर्ति हो। जी20 सम्मेलन में आ रहे मेहमानों द्वारा चेक इन करते समय मार्ग अवरुद्ध हो सकते हैं। बाहरी लोगों को इस दौरान होटल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। इस संबंध में एक अन्य होटल ने पीटीआई को बताया कि लोकप्रिय स्थानीय संगीत या नृत्य प्रदर्शन और सिग्नेचर भारतीय स्वागत पेय के साथ पारंपरिक भारतीय स्वागत के आयोजन से लेकर कमरों में भारतीय कॉफी, चाय, मिठाइयाँ और चॉकलेट जैसी विशेष सुविधाओं के अलावा एक विशेष तकिया मेनू (विविधता) की व्यवस्था की गई है। तकिए), विश्व नेताओं के आराम और विश्राम के लिए अनुष्ठानों और सेवाओं के साथ-साथ, होटल एक यादगार अनुभव प्रदान करने पर काम कर रहे हैं।
भारत में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होटल उद्योग के लिए राहत लेकर आया है। भारतीय होटल संघ (एचएआई) के महासचिव एम पी बेजबरुआ ने कहा है कि देश में अब होटल कमरों की बुकिंग और किराया महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन और महानगरों में पर्यटकों की आवाजाही होटल उद्योग के लिए राहत लेकर आई है। बेजबरुआ ने पीटीआई-से साक्षात्कार में कहा कि मौजूदा मांग-आपूर्ति की स्थिति के कारण कमरों के किराये कभी-कभी महामारी-पूर्व से थोड़ा अधिक होते हैं। बेजबरुआ ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि इस समय न केवल जी20, बल्कि पर्यटकों और लोगों की ओर से भी बहुत बड़ी मांग है जो शहरों में यह सब देखने के लिए आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर कीमतें बाजार में मांग और आपूर्ति की स्थिति की वजह से बढ़ी हैं। उनसे पूछा गया था कि एचएआई को जी20 शिखर सम्मेलन के लिए कमरों की मांग और किराया दरों को लेकर अपने सदस्यों से क्या जानकारी मिली है। ऊंची मांग के कमरों के किराये और बुकिंग पर प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मूल रूप से मैं जो कह सकता हूं वह यह है कि मांग और किराया महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है। वास्तव में कई बार किराया महामारी-पूर्व से अधिक भी रहता है। लेकिन यह मांग और आपूर्ति पर आधारित होता है।’’ यह पूछे जाने पर कि कमरों का किराया कितना बढ़ा है, उन्होंने कहा कि इस उद्योग में प्रतिशत जैसा कुछ नहीं होता। कुछ होटल अपने द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए विशेष दरें लेते हैं। इसी तरह छोटे और मझोले होटल अपने हिसाब से किराया लेते हैं। जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर उन्होंने कहा कि महानगरों में प्रमुख ब्रांडेड होटल सरकार के संपर्क में हैं और ठहरने की सभी व्यवस्थाएं सरकार के परामर्श से की गई हैं।