नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से बिजली उत्पादन करना मुश्किल

पिछले पांच साल अच्छे प्रदर्शन के बाद भी वर्ष 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन व अन्य) से 1.75 लाख मेगावाट बिजली बनाने का सरकार का लक्ष्य हासिल होता नहीं दिख रहा है।

Update: 2021-03-09 14:19 GMT

पिछले पांच साल अच्छे प्रदर्शन के बाद भी वर्ष 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन व अन्य) से 1.75 लाख मेगावाट बिजली बनाने का सरकार का लक्ष्य हासिल होता नहीं दिख रहा है। सरकार को अगर यह लक्ष्य हासिल करना है तो देश के बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से पैदा होने वाली बिजली की हिस्सेदारी मौजूदा 10 फीसद से बढ़ा कर 16 से 18 फीसद पर लानी होगी।

यह बात प्रमुख रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र पर जारी अपनी रिपोर्ट में कही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2019 और 2020 में भी नवीकरणीय ऊर्जा का निर्धारित लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका था।

मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो वर्षो के दौरान लक्ष्य हासिल नहीं होने के बावजूद अगर पिछले पांच वर्षो की बात करें तो सौर और पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता में सालाना 20 फीसद का इजाफा हुआ है। हालांकि इस रफ्तार से भी 1.75 लाख मेगावाट क्षमता का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है।
मूडीज ने यह आकलन 11,462 मेगावाट क्षमता की 176 परियोजनाओं का अध्ययन करने के बाद किया है। इसमें कहा गया है कि पिछले दो वर्षो से 20 फीसद परियोजनाएं ऐसी हैं जो क्षमता के मुताबिक बिजली पैदा नहीं कर पा रही हैं। इसकी वजह से कंपनियों के मुनाफे में भी पांच फीसद तक की कमी हुई है।

केंद्र सरकार के आंकड़ों की बात करें तो 31 जनवरी, 2021 तक सात माध्यमों से देश की बिजली उत्पादन क्षमता 92,550.74 मेगावाट थी। इसमें पवन ऊर्जा से 38,683.65 मेगावाट है जबकि सौर ऊर्जा की क्षमता 34,561.33 मेगावाट है। छतों पर लगे सोलर पैनल से 4,234 मेगावाट बिजली बनाने की क्षमता है। छोटे हाइड्रो पावर से 4,758 मेगावाट और बायोमास से बिजली उत्पादन क्षमता 9,374 मेगावाट है।
स्कीम को लॉन्च करते हुए एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी
जानकारों का मानना है कि देश में परंपरागत ऊर्जा की स्थापित क्षमता ही अभी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। कोरोना की वजह से देश में बिजली की मांग जिस तरह से छह से आठ महीनों तक प्रभावित हुई है, उसका असर भी गैरपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से जुड़ी बिजली परियोजनाओं पर पड़ा है।


Tags:    

Similar News