नई दिल्ली। मौजूदा समय में सभी ऑटोमेकर कड़े उत्सर्जन मानदंडों का पालन करते हुए गाड़ियों के इंजन को छोटा कर रहे हैं। इस समय 3-सिलेंडर इंजनों का काफी डिमांड है और ये कार निर्माता कंपनियों की पहली पसंद बने हुए हैं।
कई लोगों को 4-सिलेंडर इंजन अच्छा लगता है, जबकि 3-सिलेंडर पावरट्रेन अपनी बेहतरीन फ्यूल एफिशियंशी और परफॉरमेंस के चलते पसंद किए जाते हैं। आइए, इन दोनों इंजन आप्शन के बीच में अंतर और इनके फायदे के बारे में जान लेते हैं।
3-सिलेंडर और 4-सिलेंडर इंजन में अंतर
तीन-सिलेंडर इंजन और चार-सिलेंडर इंजन के बीच मुख्य अंतर को शक्ति, वजन और फ्यूल एफिशियंशी के हिसाब से मापा जा सकता है। चार-सिलेंडर यूनिट की तुलना में तीन-सिलेंडर मोटर छोटा और हल्का होता है। इसके परिणामस्वरूप तीन-सिलेंडर इंजन बेहतर फ्यूल एफिशियंशी प्रदान कर सकता है। हालांकि, 3-सिलेंडर इंजन 4-सिलेंडर मोटर की तुलना में कम शक्ति और टॉर्क पैदा करता है, जिससे बड़े वाहनों में या पहाड़ों पर गाड़ी चलाते समय ये कम शक्तिशाली लग सकता है।
चार-सिलेंडर इंजन आम तौर पर अपने बैलेंस्ड फायरिंग ऑर्डर के कारण अधिक शक्ति और सुचारू संचालन प्रदान करता है। ये चार-सिलेंडर इंजन को बड़ी कारों या उन वाहनों के लिए बेहतर विकल्प बनाता है, जिन्हें अधिक प्रदर्शन की आवश्यकता होती है। चार-सिलेंडर इंजन, तीन-सिलेंडर इंजन की तुलना में भारी होता है।
आपके लिए कौन बेहतर?
3-सिलेंडर इंजन उन कार खरीदारों के लिए एक अच्छा विकल्प है, जो हाई फ्यूल एफिशियंशी और कम एमीशन को प्राथमिकता देते हैं। ये इंजन छोटी कारों या कॉम्पैक्ट वाहनों के लिए परफेक्ट हैं, जिन्हें अधिक शक्ति की आवश्यकता नहीं होती है। दूसरी ओर, 4-सिलेंडर इंजन बड़ी कारों और उन उपभोक्ताओं के लिए बेहतर काम करता है, जो हाई फ्यूल एफिशियंशी और कम एमीशन की तुलना में अधिक शक्ति और प्रदर्शन चाहते हैं।