खरीफ सीजन मे ज्यादा कमाई के लिए इन खास पौधों की करिए खेती, लाखों में होगा मुनाफा
खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है
खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है. देश के 20 करोड़ से अधिक किसान खरीफ सीजन के फसलों की खेती-बाड़ी के काम में लग गए हैं. अगर आप भी खरीफ फसलों की खेती करते हैं तो एक बार आप नए विकल्पों पर विचार करिए. इस सत्र में आप इन औषधीय पौधों की खेती कर लाखों में कमाई कर सकते हैं. किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत सरकार भी इन पौधों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.
खरीफ सीजन में किसानों के पास एलोवेरा की खेती करने का शानदार मौका है. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एलोवेरा का व्यावसायिक रूप से बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है. एलोवेरा की रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त समय जुलाई से अगस्त का होता है. इस मौसम में रोपाई करने से पौधे पूरी तरह जीवित रहते हैं और बढ़वार अच्छी होती है. औसतन प्रति हेक्टेयर 30-35 टन ताजी पत्ती का उत्पादन होता है. किसान बताते हैं कि एक एकड़ में आसानी से 2 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है.
ब्राह्मी एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है. इससे तमाम तरह की दवाइयां बनती हैं. बताते हैं कि इसकी पत्तिया कब्ज दूर करने में मददगार होती हैं. वहीं इसके रस से गठिया का सफल इलाज होता है. ब्राह्मी में रक्तशुद्धी के गुण होते हैं. यह दिमाग भी तेज करता है और यादाश्त बढ़ाने में भी सहायक होता है. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय बारिश का मौसम होता है. इसकी खेती में लागत से तीन से चार गुना अधिक कमाई होती है.
कौंच भारत के मैदानी इलाकों में झाड़ियों के रूप में विकसित होता है. इसकी बुवाई बीज से होती है और बारिश से पहले इसकी खेती को सबसे उपयुक्त माना जाता है. कौंच की खेती खरीफ में की जाने वाली एक फसल है, जिसके लिए अनुकूल समय 15 जून से 15 जुलाई तक का होता है. बुवाई के लिए प्रति एकड़ 6 से 8 किलोग्राम की दर से बीज की आवश्यकता होती है. किसान बताते हैं कि अगर आप जाल पर इसे लगाते हैं तो एक एकड़ में 3 लाख रुपए की कमाई आसानी से हो जाती है.
सतावर भारत, श्रीलंका और पूरे हिमालय क्षेत्र में पाया होता है. सतावर में कई शाखाएं होती हैं. यह कांटेदार लता के रूप में एक से दो मीटर तक लंबा होता है. इसकी जड़े गुच्छों की तरह होती हैं. सतावर की रोपाई जुलाई के महीने में की जाती है. खेती करने वाले किसान बताते हैं कि एक बीघे में 4 क्विंटल सुखी सतावर निकलती है, जिसकी कीमत लगभग 40 हजार के आस पास है. एक एकड़ में 5-6 लाख रुपए तक की कमाई होती है.
लेमनग्रास बहुपयोगी औषधीय पौधा है. इसके खेती का सबसे उपयुक्त समय फरवरी से जुलाई के बीच का होता है. लेमनग्रास की खेती के साथ सबसे अच्छी बात है कि एक बार फसल लगाने पर किसान चार-पांच साल तक पैदावार हासिल कर सकते हैं. लेमनग्रास की एक एकड़ खेती में 30 से 40 हजार रुपए का खर्च आता है और कमाई 2 से 3 लाख तक होती है. अगर आप भी अपनी कमाई बढ़ाना चाहते हैं तो पारंपरिक फसल की जगह लेमनग्रास की खेती कर सकते हैं.