इस तरह से करें स्ट्रॉबेरी की खेती, अब बिल्कुल कम पैसे में होगा लाखों की कमाई
किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए नई फसलों का सहारा ले रहे हैं, जिससे वो कम लागत में ज्यादा कमाई कर पा रहे हैं.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए नई फसलों का सहारा ले रहे हैं, जिससे वो कम लागत में ज्यादा कमाई कर पा रहे हैं. इस बीच सबसे ज्यादा ट्रेंड में है स्ट्राबेरी की खेती. कई किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं और लागत से कई गुना ज्यादा कमाई कर रहे हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसका जिक्र कर चुके हैं. उन्होंने बुंदेलखंड में हो रही स्ट्रॉबेरी की खेती का जिक्र किया था और वहां स्ट्रॉबेरी की खेती कर रही गुरलीन चावला की भी काफी तारीफ हो रही है.
खास बात ये है कि स्ट्रॉबेरी की फसल सिर्फ उत्तर प्रदेश में नहीं हो रही है, बल्कि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा में भी किसान स्ट्रॉबेरी की फसल उगा रहे हैं. अगर आप भी चाहते हैं कि आपको भी कम लागत में ज्यादा मुनाफा हो तो आप भी स्ट्रॉबेरी की फसल उगा सकते हैं. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि किस तरह से स्ट्रॉबेरी की खेती की जा सकती है और इससे कितना फायदा हो सकता है…
हर कोई कर सकता है खेती
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होता है. अगर आप इस खेती से जुड़ी बेसिक बातों का ध्यान रखेंगे तो आप आसानी से इस खेती का फायदा उठा सकेंगे. पहले आपको बता दें कि स्ट्रॉबेरी की खेती अक्टूबर-नवंबर से फरवरी तक होती है. यानी फसल की रोपाई का काम अक्टूबर-नवंबर में शुरू होता है और जनवरी-फरवरी तक फसल तैयार हो जाती है. सीधे शब्दों में कहें तो यह कम तापमान यानी सर्दियों में पैदा होती है. इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है.
कैसे शुरू करें खेती
अगर आपको स्ट्रॉबेरी की खेती करनी है तो सितंबर से इसकी शुरुआत कर दें. सितंबर में खेत की 3 बार अच्छे से जुताई कर लें और फिर उसके बाद एक हेक्टेयर जमीन में खाद डाल दें. साथ ही आप फोस्फोरस आदि भी मिला सकते हैं. फिर खाद देने के बाद बेड की चौड़ाई 2 फिट रखें और बेड से बेड की दूरी डेढ़ फिट रखे. साथ ही फसल उगाने के लिए मल्चिंग और ड्रॉप सिंचाई का इस्तेमाल करें. सर्दी की शुरुआत होते ही इसकी रोपाई कर देनी चाहिए.
सिंचाई और मिट्टी का खास ध्यान
मल्चिंग और ड्रॉप पानी से सिंचाई करना स्ट्रॉबेरी के लिए फायदेमंद रहता है. मल्चिंग से आप खरपतवार से बच जाते हैं. वहीं, बूंद-बूंद पानी की सप्लाई के पौधे के गलने का डर नहीं रहता है और सभी पौधों में उचित पानी लग जाता है. इसकी खेती के लिए ph 5.0 से 6.5 तक मान वाली मिट्टी भी उपयुक्त होती है. इसलिए खेती से पहले मिट्टी की जांच करवा लें और जान लें कि आपके खेत की मिट्टी में कुछ किए जाने की जरुरत तो नहीं है.
कितनी है कमाई
वैसे तो स्ट्रॉबेरी की किस्म पर यह लागत निर्भर करती है. हालांकि, आमतौर पर डेढ़ एकड़ स्ट्रॉबेरी की फसल में चार-पांच लाख की लागत आती है. पैदावार होने के बाद खर्च निकालकर सात-आठ लाख का फायदा हो जाता है. वहीं, कुछ स्ट्रॉबेरी की नस्ल में लागत भी कम होती है तो उससे कमाई भी कम हो जाती है. ऐसे में प्रति एकड़ 7 से 8 लाख रुपए तक की पैदावार होती है. इसमें 2 से 3 लाख रुपए का फायदा किसान को होता है. इससे आजकल किसान सीधे डिब्बों में पैक करके ही बेच रहे हैं, जिससे उन्हें इसकी अच्छी कीमत मिल रही है.