डेयरी फार्मिंग में लागत में आएगी कमी और बढ़ेगा मुनाफा, इन बातों का ध्यान रखें किसान
अधिक आमदनी के लिए भारत के किसान खेती के साथ पशुपालन भी करते हैं
अधिक आमदनी के लिए भारत के किसान (Farmers) खेती के साथ पशुपालन (Animal Husbandry) भी करते हैं. हमारे देश में दूध उत्पादन एक बहुत बड़ा व्यवसाय है. केंद्र और राज्य सरकारें पशुपालन और डेयरी व्यवसाय (Dairy Business) को बढ़ावा देने के लिए लगातार कोशिशें कर रही हैं. हर राज्य में लघु डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इनके तहत प्रशिक्षण लेकर कोई भी अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकता है.
अगर आपके पास कैसे कम हैं तब भी चिंता की कोई बात नहीं है. आपको बैंक से लोन मिल जाएगा और इससे आप खुद की दुग्ध उत्पादन यूनिट की शुरुआत कर सकते हैं. डेयरी यूनिट स्थापित करने के बाद दूध से अलग-अलग उत्पाद बनाकर ज्यादा कमाई की जा सकती है.
अगर आप अकेले होने की वजह से डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं तो सहकारिता का साथ आपको मिल सकता है. इसमें किसान समूह में आकर अपना खुद का काम शुरू कर सकते हैं. ज्यादा दूध उत्पादन के लिए डेयरी फार्म में तीन बातों का ध्यान रखना होता है.
डेयरी फार्मिंग में इन बातों का रखना होता है ध्यान
आपको उन्नत किस्मों की गाय-भैंस ही पालने की सलाह दी जाती है. दूसरा यह कि उन्हें संतुलित आहार देना आवश्यक है जबकि तीसरा उनके सेहत का खयाल रखना है. भारत में देसी नस्लों के साथ-साथ संकर और विदेशी नस्लें भी पाली जा रही हैं. लेकिन विदेशी नस्लें भारतीय जलवायु के अनुरूप नहीं हैं. ऐसे में उनका विशेष ध्यान रखना पड़ता है. इन्हीं वजहों से वैज्ञानिक देसी नस्लों में ही सुधार कर रहे हैं और उनके दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी की कोशिश की जा रही है.
अगर आप व्यवसाय के लिए दुग्ध उत्पादन करना चाहते हैं तो शहर के आसपास के इलाकों में डेयरी यूनिट की स्थापना करें. दुधारू पशुओं में संतुलित आहार बहुत जरूरी है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, सोडियम, जस्ता, आयोडीन और विटामिन-ए पर्याप्त मात्रा में होता है. इससे पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रहता है और दूग्ध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.
अपने फार्म पर पैदा कर सकते हैं संकर नस्लें
संतुलित आहार में एक तिहाई अनाज, एक तिहाई दलहन और एक तिहाई तिलहन होना चाहिए. पशुओं को हरा चारा खिलाने की भी सलाह दी जाती है. इनमें प्रोटीन, कैल्शियम और फॉस्फोरस की पर्याप्त मात्रा होती है, जो पशु के दूध में बढ़ोतरी कर देता है. वहीं विटामिन-ए पशुओं को बीमारी से बचाने में मदद करता है.
पशुपालक अपने फार्म पर ही संकर नस्लें पैदा कर सकते हैं. इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा गांव स्तर तक उपलब्ध है. संकर गाय 18 से 20 माह में वयस्क हो जाती हैं और औसतन 14 से 15 माह पर बच्चा देती हैं. वैसे आप चाहें तो 12 महीने में ही बच्चा ले सकते हैं. संकर गाय 8 से 10 लीटर दूध देती है.